क्या 'ऑपरेशन सद्भावना' के तहत आतंक से प्रभावित बसंतगढ़ के छात्रों ने देश की यात्रा की और राष्ट्रपति से मिले?
सारांश
Key Takeaways
- ऑपरेशन सद्भावना के तहत छात्रों ने महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण किया।
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट करना उनके लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव रहा।
- यह यात्रा स्थानीय बच्चों की भलाई के लिए भारतीय सेना के प्रयासों का प्रतीक है।
- यात्रा ने छात्रों को राष्ट्रीय एकता का अहसास कराया।
- आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।
उधमपुर, 15 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र बसंतगढ़ के 20 छात्रों ने देश के प्रमुख स्थलों का भ्रमण किया। यह यात्रा भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सद्भावना' के तहत आयोजित की गई। इस दौरान छात्रों ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भेंट की।
उधमपुर जिले के बसंतगढ़ क्षेत्र में स्थित शहीद सब-इंस्पेक्टर इमरान हुसैन टाक गवर्नमेंट हायर सेकेंडरी स्कूल के इन छात्रों ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर और इंडिया गेट जैसे राष्ट्रीय स्थलों की यात्रा की। इसके अतिरिक्त, उन्होंने सेना के अनुशासन और मूल्यों की जानकारी प्राप्त की।
एक छात्रा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, "मुझे कभी नहीं लगा था कि मैं भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिल पाऊंगी। हम आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र में रहते हैं और कभी नहीं सोचा था कि हम जिले से बाहर जा पाएंगे। भारतीय सेना की मदद से हमें राष्ट्रपति से मिलने का अवसर मिला। इसके अलावा, हम देश के विभिन्न हिस्सों में घूमकर आए।"
एक छात्र ने बताया कि जब हम राष्ट्रपति भवन पहुंचे, तब राष्ट्रपति ने हमारी मुलाकात की और हमने बातचीत की।
अध्यापक प्रीतम सिंह ने कहा, "यह नेशनल इंटीग्रेशन टूर भारतीय सेना द्वारा ऑपरेशन सद्भावना के तहत आयोजित किया गया था। बसंतगढ़ एक ऐसा इलाका है जो आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित है, लेकिन भारतीय सेना न केवल वहां आतंकवाद से लड़ रही है, बल्कि स्थानीय लोगों, विशेषकर बच्चों की भलाई के लिए भी काम कर रही है।"
स्कूल के अध्यापक ने भारतीय सेना का धन्यवाद करते हुए कहा कि राष्ट्रपति से मिलने वाले बच्चों ने कभी जम्मू-कश्मीर के अलावा कोई अन्य राज्य नहीं देखा। हमारे लिए गर्व की बात है कि जिस बसंतगढ़ क्षेत्र को कोई नहीं पूछता था, वहां के छात्र दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिले। यह भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सद्भावना' का परिणाम है।
उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील की कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी को भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना चाहिए और देशद्रोहियों को देश से बाहर निकालने में मदद करनी चाहिए।