क्या बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने आत्महत्या की? 10 पन्नों के सुसाइड नोट में परिवार पर आरोप
सारांश
Key Takeaways
- सुसाइड नोट में गंभीर आरोप हैं।
- पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है।
- परिवार और अधिकारियों के बीच विवाद का मामला है।
- जांच अभी भी जारी है।
- समाज में ऐसे मामलों के प्रति संवेदनशीलता की आवश्यकता है।
बेंगलुरु, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक अत्यंत दुखद घटना उभरकर सामने आई है। 45 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर मुरली गोविंद राजू ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपनी जान लेने से पहले 10 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने कुछ व्यक्तियों को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया।
इस नोट में उन्होंने एक परिवार और बेंगलुरु नगरपालिका के पूर्व बीबीएमपी अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जो अब ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी (जीबीए) के रूप में जाने जाते हैं।
पुलिस की जांच के अनुसार, वर्ष 2018 में गोविंद राजू ने व्हाइटफील्ड क्षेत्र में एक प्लॉट खरीदा था। यह जमीन उन्हें शशि नाम्बियार और उषा नाम्बियार नामक दंपत्ति ने अपने एक रिश्तेदार के जरिए दिलवाई थी। कई वर्षों तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन जब गोविंद राजू ने इस जमीन पर मकान निर्माण की प्रक्रिया शुरू की, तभी स्थिति बिगड़ने लगी।
सुसाइड नोट में गोविंद राजू ने लिखा कि जैसे ही उन्होंने निर्माण कार्य आरंभ किया, शशि और उसकी पत्नी उषा उन पर नगर निगम के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाकर उन्हें परेशान करने लगे।
उनका यह भी कहना है कि शशि ने कुछ जीबीए/बीबीएमपी अधिकारियों को भी अपने साथ मिला लिया और लगातार उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।
नोट में यह भी उल्लेख है कि शशि ने विवाद को समाप्त करने के लिए 20 लाख रुपये की मांग की थी, जिसकी डेडलाइन सोमवार तक थी।
सुसाइड नोट के अनुसार, सोमवार की सुबह गोविंद राजू लगभग 6 बजे अपने घर से निकले, सीधे अपने निर्माणाधीन घर पहुंचे और वहीं फांसी लगाकर जान दे दी।
घटना के बाद गोविंद राजू की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने शशि नाम्बियार और उनकी पत्नी उषा के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दोनों को अदालत ने 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इस मामले में दंपत्ति का बेटा वरुण नाम्बियार अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। जांच टीम सुसाइड नोट, प्लॉट के दस्तावेज़, निर्माण की अनुमति और संबंधित अधिकारियों की भूमिका की बारीकी से जांच कर रही है।