क्या बेंगलुरु में 11 महीनों में 160 करोड़ रुपए मूल्य के 1,400 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त हुए?
सारांश
Key Takeaways
- बेंगलुरु में 1,400 किलोग्राम मादक पदार्थ जब्त किए गए हैं।
- टास्क फोर्स द्वारा मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
- पुलिस विभाग नागरिकों की सुरक्षा के लिए जागरूक है।
- नशामुक्ति के लिए राज्यव्यापी अभियान चलाए जा रहे हैं।
- फोरेंसिक प्रयोगशाला की रिपोर्ट तेजी से उपलब्ध हो रही हैं।
बेंगलुरु, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बेंगलुरु पुलिस ने 11 महीनों के भीतर 160 करोड़ रुपए मूल्य के 1,400 किलोग्राम मादक पदार्थों को जब्त किया है। यह जानकारी गृह मंत्री जी परमेश्वर ने शुक्रवार को साझा की।
उन्होंने कहा कि कर्नाटक को नशा मुक्त बनाने के लिए एक एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीफ) का गठन किया गया है, जो पहले से ही सक्रिय है।
परमेश्वर ने बताया कि बेंगलुरु में पिछले 11 महीनों में 1,407 किलोग्राम नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं। मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त 300 से अधिक विदेशी नागरिकों को निष्कासित किया गया है। 2024 में 98 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त की गई, जबकि 2023 में इसकी कीमत 103 करोड़ रुपए थी। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। सभी स्कूलों और कॉलेजों में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के दुष्प्रभावों पर एक राज्यव्यापी जागरूकता अभियान चलाया गया है, जो जारी रहेगा। ड्रग्स तस्करी के खिलाफ कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
गृह मंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग जनहितैषी तरीके से कार्य कर रहा है और नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दे रहा है।
बेंगलुरु में तीन नए प्रभाग बनाए गए हैं। सीआईडी के अंतर्गत एक जमा धोखाधड़ी और आपराधिक खुफिया इकाई का गठन किया गया है।
बेल्थंगडी में एक नया सीआईडी उप विभाग स्थापित किया गया है, जो बढ़ते मामलों को देखते हुए आवश्यक था।
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु के 160 मुख्य चौराहों पर कुल 9,000 एआई-सक्षम कैमरे लगाए गए हैं, जिससे कोई भी घटना तुरंत कंट्रोल रूम में स्ट्रीम होती है। 7 लाख और कैमरे भी लगाए गए हैं। फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला को भी आधुनिक बनाया गया है और रिपोर्ट अब दो महीने के अंदर मिल जाती हैं। यह भारत की सर्वश्रेष्ठ फोरेंसिक प्रयोगशालाओं में से एक है।
उन्होंने बढ़ती हत्या की घटनाओं के संबंध में विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आंकड़े इस दावे का समर्थन नहीं करते हैं। 2021 में 1,340 मामले सामने आए। 2022 में 1,364, 2023 में 1,389, 2024 में 1,202, और 2025 में नवंबर तक 1,142 हत्या के मामले सामने आए हैं। अधिकांश हत्याएं पारिवारिक विवादों या संपत्ति के मामलों के कारण होती हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि तटीय क्षेत्रों में हत्याएं और सांप्रदायिक झड़पें हुई हैं, जिससे अशांति का माहौल बन गया था। बढ़ती नफरत को देखते हुए मंगलुरु, उडुपी और शिवमोग्गा में स्पेशल एक्शन फोर्स बनाई गई है। 300 से अधिक जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि हमें मिली जानकारी के आधार पर मांड्या जिले में भी एक स्पेशल एक्शन फोर्स तैनात की गई है। इन फोर्स के बनने के बाद से तटीय क्षेत्र में कोई हत्या या सांप्रदायिक झड़प नहीं हुई है और स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हाल ही में मंगलुरु दौरे के दौरान मुझे सरकार के कार्यों के लिए स्थानीय लोगों से सराहना मिली।
परमेश्वर ने बताया कि कर्नाटक पुलिस देश में नागरिकों को न्याय दिलाने में पहले स्थान पर है। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक ने 10 में से 6.78 अंक प्राप्त कर पहला स्थान पाया। पुलिस और न्यायपालिका ने मिलकर काम किया है, खासकर दबे-कुचले समुदायों को न्याय दिलाने में।