क्या छह वर्षों में बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हुई, मुद्रास्फीति रिकॉर्ड निचले स्तर पर है?

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क्या छह वर्षों में बेरोजगारी दर 6 प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हुई, मुद्रास्फीति रिकॉर्ड निचले स्तर पर है?

सारांश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बताया कि सरकार ने बेरोजगारी दर को 6 प्रतिशत से घटाकर 3.2 प्रतिशत करने और मुद्रास्फीति को पिछले छह वर्षों के निचले स्तर पर लाने के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं। इस खबर का व्यापक प्रभाव है और इससे देश की आर्थिक स्थिति को समझने में मदद मिलेगी।

Key Takeaways

  • बेरोजगारी दर में कमी: 6% से 3.2%
  • मुद्रास्फीति का रिकॉर्ड निचला स्तर
  • सरकार ने कई उपाय किए हैं
  • आयकर छूट से प्रयोज्य आय में वृद्धि
  • खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट

नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में बताया कि सरकार ने देश में बेरोजगारी दर को पिछले छह वर्षों में 6 प्रतिशत से घटाकर 3.2 प्रतिशत करने और महंगाई को पिछले छह वर्षों के निचले स्तर पर लाने के लिए कई प्रभावी उपाय किए हैं।

लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, वित्त मंत्री ने बताया कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, जिनमें सस्टेनेबल रोजगार को बढ़ावा देने और विशेष रूप से गरीबों और युवाओं के बीच घरेलू आय में सुधार शामिल है।

इन उपायों में आवश्यक खाद्य वस्तुओं के लिए बफर स्टॉक में वृद्धि, खुले बाजार में खरीदे गए अनाज की रणनीतिक बिक्री, कम आपूर्ति के दौरान आयात और निर्यात प्रतिबंधों की सुविधा, चुनिंदा वस्तुओं की बाजार में अधिक आपूर्ति बढ़ाने के लिए स्टॉक सीमा का कार्यान्वयन, और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत लगभग 81 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त खाद्यान्न वितरण शामिल है।

इसके अलावा, वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने 12 लाख रुपए तक की वार्षिक आय (और मानक कटौती वाले वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए 12.75 लाख रुपये) को आयकर से छूट देकर व्यक्तियों की प्रयोज्य आय में वृद्धि की है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न उपायों के परिणामस्वरूप, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी गई औसत खुदरा मुद्रास्फीति दर सालाना आधार पर 2023-24 में 5.4 प्रतिशत से घटकर 2024-25 में 4.6 प्रतिशत हो गई, जो पिछले छह वर्षों में सबसे कम है।

इसके अलावा, 2025-26 की पहली तिमाही में सीपीआई औसतन 2.7 प्रतिशत तक गिर गई, जो जून 2025 में 2.1 प्रतिशत पर समाप्त हुई।

उन्होंने आगे कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति में गिरावट 2025-26 की पहली तिमाही तक जारी रही और जून 2025 में (-) 1.06 प्रतिशत के साथ नकारात्मक क्षेत्र में पहुंच गई, जो जनवरी 2019 के बाद सबसे कम है।

वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण उपायों के अलावा, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना, उद्योगों को रोजगार-संबंधी प्रोत्साहन, राष्ट्रीय शहरी/ग्रामीण आजीविका मिशन, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, कौशल विकास योजना आदि जैसे विभिन्न रोजगार सृजन और कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार के अवसरों का विस्तार करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न उपायों के परिणामस्वरूप, 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों (सामान्य स्थिति के अनुसार) के लिए अखिल भारतीय वार्षिक बेरोजगारी दर 2017-18 के 6 प्रतिशत से घटकर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत हो गई है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का उद्देश्य देश की आर्थिक स्थिति को सुधारना है। बेरोजगारी दर में कमी और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना, दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। यह सब सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन पर निर्भर करता है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

बेरोजगारी दर में कमी के लिए सरकार ने कौन से उपाय किए हैं?
सरकार ने रोजगार सृजन योजनाओं, कौशल विकास कार्यक्रमों और आयकर छूट जैसे कई उपाय किए हैं।
महंगाई को कम करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
आवश्यक खाद्य वस्तुओं के लिए बफर स्टॉक बढ़ाना और रणनीतिक बिक्री जैसे कदम उठाए गए हैं।
बेरोजगारी दर 2023-24 में कितनी थी?
बेरोजगारी दर 2023-24 में 3.2 प्रतिशत थी।
क्या खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आई है?
जी हाँ, खाद्य मुद्रास्फीति ने 2025-26 की पहली तिमाही तक नकारात्मक क्षेत्र में प्रवेश कर लिया।
सरकार की योजनाओं का प्रभाव क्या है?
सरकार की योजनाओं का प्रभाव सकारात्मक दिखाई दे रहा है, जिससे बेरोजगारी दर और मुद्रास्फीति दोनों में कमी आई है।