क्या छांगुर बाबा धर्मांतरण केस में विदेशी फंडिंग की सच्चाई है?

सारांश
Key Takeaways
- ईडी की छापेमारी में विदेशी फंडिंग का खुलासा हुआ।
- धर्मांतरण गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई की गई।
- शहजाद शेख का संबंध मुख्य आरोपी से है।
- लगभग 2 करोड़ रुपए का धन शोधन का मामला सामने आया।
- राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ऐसे मामलों की देखरेख आवश्यक है।
लखनऊ, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण से जुड़े मामले में जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। विभिन्न स्थानों पर की गई छापेमारी में विदेशी फंडिंग और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं।
जांच एजेंसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट कर छांगुर बाबा के ठिकानों पर छापेमारी की जानकारी साझा की।
पोस्ट में उल्लेख किया गया है, "ईडी की लखनऊ शाखा ने छांगुर बाबा एवं अन्य से संबंधित धन शोधन के एक मामले में, जिसमें गैरकानूनी धर्मांतरण, विदेशी धन के उपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरा उत्पन्न करने वाली गतिविधियों से संबंधित षड्यंत्र के आरोप शामिल हैं, बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई में छांगुर बाबा, उनके सहयोगी नवीन रोहरा तथा अन्य के 15 ठिकानों पर पीएमएलए, 2002 के तहत तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान, विदेशों से धन प्राप्त करने और अचल संपत्ति अर्जित करने के लिए इसे विभिन्न व्यक्तियों को हस्तांतरित करने के संकेत देने वाले कई अपराध-संकेती दस्तावेज बरामद कर लिए गए हैं।"
गुरुवार को ईडी ने छांगुर बाबा के 14 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे थे। इसमें बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में 12 स्थानों पर तथा मुंबई में दो ठिकानों (बांद्रा और माहिम के रिजवी हाइट्स) पर प्रवर्तन निदेशालय की टीमों ने तलाशी अभियान चलाया। माहिम स्थित ठिकाना शहजाद शेख का निवास बताया जा रहा है, जिसे इस मामले में मुख्य आरोपी छांगुर बाबा का करीबी सहयोगी माना जाता है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि एक आरोपी के बैंक खाते से लगभग 2 करोड़ रुपए की धनराशि शहजाद शेख के खाते में ट्रांसफर की गई थी। इसमें से एक करोड़ रुपए से अधिक की राशि छांगुर बाबा के खातों से शेख के खाते में भेजी गई। प्रवर्तन निदेशालय को संदेह है कि इस धन का उपयोग अवैध रूप से धर्मांतरण गतिविधियों में किया गया।