क्या आप भागदौड़ वाली जिंदगी में ये प्राणायाम करके थकान को मिटा सकते हैं?

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क्या आप भागदौड़ वाली जिंदगी में ये प्राणायाम करके थकान को मिटा सकते हैं?

सारांश

क्या आपकी ज़िंदगी की भागदौड़ आपको थका रही है? जानिए, कैसे प्राणायाम के माध्यम से आप अपनी ऊर्जा को पुनः प्राप्त कर सकते हैं। यह लेख तीन सरल प्राणायामों पर केंद्रित है, जो आपकी दिनचर्या को तरोताजा बनाएंगे।

Key Takeaways

  • प्राणायाम से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • कपालभाति पाचन में सुधार करता है।
  • अनुलोम-विलोम तनाव और चिंता को कम करता है।
  • भस्त्रिका शरीर को डिटॉक्स करता है।
  • 10 मिनट का प्राणायाम मूड को पॉजिटिव बनाता है।

नई दिल्ली, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान में तेज़ रफ्तार वाली ज़िंदगी में अधिकांश लोग थकान और तनाव से प्रभावित हो रहे हैं। सुबह उठते ही शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सुस्ती महसूस होती है। ऐसे में, प्राणायाम एक अत्यंत प्रभावी उपाय है, जिससे आप अपने दिन की शुरुआत कर सकते हैं। योग विशेषज्ञों का कहना है कि केवल 10-15 मिनट का प्राणायाम न केवल आपके शरीर को फिट रखता है, बल्कि इसे डिटॉक्स भी करता है।

आयुष मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, प्राणायाम से रक्त संचार में वृद्धि होती है, जो थकावट को दूर करता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार करता है। आइए जानते हैं तीन सरल प्राणायाम जो आपके दिन को तरोताजा बना देंगे।

कपालभाति- भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने इसे 'पाचन का रामबाण' कहा है। कपालभाति से फेफड़े साफ होते हैं और मांसपेशियां सक्रिय रहती हैं, जिससे आंतों में रक्त संचार बढ़ता है और पाचन एंजाइम बेहतर होते हैं। यह गैस, कब्ज, एसिडिटी, और अपच जैसी समस्याओं में राहत दिलाता है। नियमित अभ्यास से भूख में सुधार होता है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं।

अनुलोम-विलोम- आयुष मंत्रालय के अनुसार, अनुलोम-विलोम (नाड़ी शोधन प्राणायाम) से शरीर का डिटॉक्स होता है। साथ ही, यह मन को शांत करने और चिंता व तनाव को कम करने में सहायक है।

विशेषज्ञों का कहना है कि अनुलोम-विलोम नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देता है और एकाग्रता को सुधारता है। रोज़ केवल 10 मिनट का अभ्यास आपके मूड को पॉजिटिव बना सकता है।

भस्त्रिका- आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह एक ऐसा अभ्यास है जो शरीर के अंदर गहराई से सफाई करता है। यह शरीर में जमा विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे शरीर हल्का और ताजा महसूस होता है। आयुर्वेद के अनुसार, हमारे शरीर में तीन दोष होते हैं—कफ, पित्त और वात। यदि ये असंतुलित हो जाएं, तो कई बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। भस्त्रिका प्राणायाम इन तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करता है। यह पाचन को सुधारता है, सांस को बेहतर बनाता है और दिमाग को शांत करता है।

Point of View

बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है। आज की तेज़ ज़िंदगी में, प्राणायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना हर नागरिक के लिए आवश्यक है।
NationPress
20/09/2025

Frequently Asked Questions

प्राणायाम करने का सही समय क्या है?
सुबह का समय प्राणायाम करने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इस समय शरीर ताजगी से भरा होता है।
क्या प्राणायाम सभी के लिए सुरक्षित है?
हाँ, लेकिन यदि आपको कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, तो प्राणायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
कितने समय तक प्राणायाम करना चाहिए?
रोज़ 10-15 मिनट का प्राणायाम करना शुरू करें और धीरे-धीरे समय बढ़ा सकते हैं।