क्या 20वें पायदान की टीम को टी20 के 'बादशाह' ने हल्के में लिया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत को ओमान जैसी टीमों के खिलाफ हल्के में नहीं लेना चाहिए।
- ओमान ने अपार संभावनाओं के साथ खेला।
- टीम इंडिया को अपनी रणनीति में सुधार करने की आवश्यकता है।
- क्रिकेट में कुछ भी संभव है, और अनुभव से ज्यादा मेहनत महत्वपूर्ण है।
- एसोसिएट टीमों को आईसीसी से समर्थन मिल रहा है।
नई दिल्ली, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने भले ही ओमान के खिलाफ एशिया कप 2025 में जीत हासिल की हो, लेकिन इस मुकाबले ने टीम इंडिया की रणनीति में कई खामियों को उजागर किया है। भारत ने यह मैच एक ऐसी टीम के खिलाफ खेला, जिसे शायद उसने कमजोर समझ लिया था, लेकिन यह टीम वास्तव में अपार संभावनाओं से भरी है।
एशिया कप में अपने तीसरे लीग मैच में, टी20 रैंकिंग में शीर्ष पर मौजूद भारतीय टीम 20वें पायदान पर खड़ी ओमान के खिलाफ उतरी थी। इस मुकाबले को टीम इंडिया के लिए प्रयोग के तौर पर देखा जा रहा था। टूर्नामेंट में पहली बार टीम इंडिया को 20 ओवर बल्लेबाजी करने का मौका मिला। पिच धीमी थी और इसका आकार दुबई की तुलना में बड़ा था। टीम इंडिया ने इसे प्रैक्टिस मैच की तरह लिया, जिससे कई खामियां सामने आईं।
इस मैच में भारतीय बल्लेबाजों को काफी मेहनत करनी पड़ी। सूर्यकुमार यादव इस मुकाबले में बल्लेबाजी के लिए नहीं उतरे। उनके ऊपर अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव को भेजा गया, जिससे सभी हैरान रह गए। फैंस जानना चाहते हैं कि यदि यह सिर्फ भारत की बल्लेबाजी को परखने के लिए था, तो कप्तान गेंदबाजों से बल्लेबाजी में क्या उम्मीद रखते थे?
दूसरी ओर, भारत ने बल्लेबाजी में जमकर प्रयोग किया, लेकिन शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा की जोड़ी को नहीं बदला गया। यदि यह मैच केवल प्रयोग था, तो संजू सैमसन को सलामी बल्लेबाज के तौर पर क्यों नहीं उतारा गया?
सैमसन को टूर्नामेंट के पहले दो मैचों में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला था, लेकिन यूएई के खिलाफ तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 56 रन की पारी खेली और अपनी उपयोगिता साबित की।
दो मुख्य तेज गेंदबाजों के होते हुए हार्दिक पांड्या को नई गेंद सौंपी गई। हार्दिक और अर्शदीप ने 4-4 ओवर फेंके, जबकि हर्षित राणा और कुलदीप यादव ने 3-3 ओवर डाले, लेकिन इन चारों गेंदबाजों ने सिर्फ एक-एक विकेट ही हासिल किया। आलम यह रहा कि सूर्यकुमार यादव को आठ गेंदबाजी विकल्पों का उपयोग करना पड़ा।
ओमान पिछले कुछ वर्षों से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी पहचान बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए ओमान ने अन्य देशों के खिलाड़ियों को अपने साथ जोड़ा है, जिनमें पाकिस्तान और भारत के कई खिलाड़ी शामिल हैं। ये खिलाड़ी भी अपने करियर को निखारने के लिए इस टीम से जुड़े हैं।
आईसीसी की एसोसिएट सदस्य टीमों में शामिल यह टीम वनडे और टी20 फॉर्मेट में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकी है। इस टीम के पास ऐसे काबिल खिलाड़ी हैं, जो टी20 क्रिकेट जैसे छोटे फॉर्मेट में अपने प्रदर्शन से सभी को हैरत में डाल सकते हैं।
एसोसिएट देशों को आईसीसी की तरफ से ट्रेनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर में मदद मिलती है, जिससे इन देशों की टीम का स्तर और बेहतर होता नजर आ रहा है।
ओमान जैसे देश के पास टेस्ट खेलने का अनुभव नहीं है और वहां के खिलाड़ियों के पास बड़े स्तर पर मुकाबले खेलने का अनुभव नहीं है। इस देश का घरेलू क्रिकेट उतना विकसित नहीं है, क्योंकि अधिकांश खिलाड़ी प्रवासी हैं।
हालांकि संसाधनों की कमी, कोचिंग और पेशेवर ढांचे की कमी टीम के विकास में बाधा बन रही हो, लेकिन इसके बावजूद ओमान जैसा देश टीम इंडिया को एशिया कप में एक शानदार चुनौती देता नजर आ रहा है। यह एक ऐसा मैच साबित हुआ जहां 'अपार संभावनाओं' के खिलाफ 'अनुभव' को जीत मिली। हालाँकि, जीत का अंतर दोनों टीमों के बीच के 'फर्क' से बहुत कम रहा।