क्या भारतीय तटरक्षक बल ने कर्नाटक तट पर क्षेत्रीय खोज एवं बचाव अभ्यास का सफल आयोजन किया?

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क्या भारतीय तटरक्षक बल ने कर्नाटक तट पर क्षेत्रीय खोज एवं बचाव अभ्यास का सफल आयोजन किया?

सारांश

कर्नाटक तट पर हाल ही में आयोजित क्षेत्रीय खोज एवं बचाव अभ्यास ने सभी समुद्री सुरक्षा एजेंसियों के बीच सामूहिक समन्वय की परख की। इस अभ्यास ने आपात स्थितियों में त्वरित कार्रवाई के लिए आवश्यक तैयारियों को उजागर किया। जानें इस महत्वपूर्ण आयोजन के बारे में।

Key Takeaways

  • सामूहिक समन्वय: सभी एजेंसियों के बीच सहयोग की आवश्यकता।
  • आपात स्थितियों की तैयारी: त्वरित कार्रवाई के लिए आवश्यक तैयारियों का मूल्यांकन।
  • समुद्री सुरक्षा: भारतीय तटरक्षक बल की प्रतिबद्धता।
  • प्रशिक्षण: सभी प्रतिभागियों को तकनीकी दक्षता में सुधार की आवश्यकता।
  • सुरक्षा तंत्र: प्रभावी बचाव समन्वय तंत्र का महत्व।

कर्नाटक, 9 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक तट पर 8 और 9 अक्टूबर को क्षेत्रीय खोज एवं बचाव अभ्यास का सफल आयोजन किया गया। तटरक्षक क्षेत्रीय मुख्यालय (पश्चिम), मुंबई के तत्वावधान में आयोजित इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य समुद्री खोज एवं बचाव के सभी हितधारकों के बीच सामूहिक तैयारी और समन्वय का मूल्यांकन करना था, ताकि वे समुद्र में सामूहिक बचाव अभियानों को प्रभावी ढंग से संभाल सकें।

इस अभ्यास में कर्नाटक पुलिस, एनडीआरएफ, न्यू मंगलौर पोर्ट अथॉरिटी (एनएमपीए) सहित कई प्रमुख एजेंसियों ने भाग लिया, जिसमें समुद्री आपात स्थितियों से निपटने पर जोर दिया गया।

आयोजन में डीजीपी आईएसडी डॉ. प्रणब मोहंती मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कर्नाटक तटरक्षक जिला मुख्यालय के कमांडर डीआईजी पीके मिश्रा के साथ आईसीजीएस विक्रम पर सवार होकर अभ्यास को देखा।

अभ्यास के दौरान इंजन कक्ष में भीषण आग लगने की सूचना दी गई थी, जिसके बाद समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी), मुंबई ने खोज और बचाव मिशन समन्वयक (एसएमसी) की भूमिका निभाई, जबकि समुद्री बचाव उप केंद्र (एमआरएससी), न्यू मंगलौर ने कमांड पोस्ट के रूप में कार्य किया।

कार्रवाई में बाहरी अग्निशमन, हेलीकॉप्टर द्वारा चिकित्सा निकासी, बोर्डिंग ऑपरेशन और ड्रोन की सहायता से लाइफबॉय और रिमोट लाइफ जैकेट की तैनाती जैसे महत्वपूर्ण अभियान शामिल थे।

इसके अलावा, तटरक्षक डोर्नियर विमानों द्वारा लाइफराफ्ट की हवाई-ड्रॉपिंग और एनडीआरएफ टीमों द्वारा घायलों को नजदीकी अस्पतालों तक पहुंचाना भी अभ्यास का हिस्सा था।

इस अभ्यास में आईसीजी जहाज, विमान, गोताखोर, एनडीआरएफ कर्मी, मरीन पुलिस बोट और एनएमपीए टग सहित कई संपत्तियों ने भाग लिया।

क्षेत्रीय खोज एवं बचाव अभ्यास ने बड़े पैमाने पर हताहतों की घटनाओं से निपटने में सभी हितधारकों की परिचालन तत्परता और बचाव समन्वय तंत्र को सफलतापूर्वक प्रमाणित किया।

यह अभ्यास भारतीय तटरक्षक बल के आदर्श वाक्य "वयं रक्षामः" (हम रक्षा करते हैं) को दर्शाता है, जो भारतीय जल में जानमाल की सुरक्षा के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता पर बल देता है।

Point of View

बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय तटरक्षक बल सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेता है।
NationPress
09/10/2025

Frequently Asked Questions

क्षेत्रीय खोज एवं बचाव अभ्यास का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य समुद्री खोज एवं बचाव के सभी हितधारकों के बीच सामूहिक तैयारी और समन्वय का मूल्यांकन करना था।
इस अभ्यास में किन एजेंसियों ने भाग लिया?
इस अभ्यास में कर्नाटक पुलिस, एनडीआरएफ, न्यू मंगलौर पोर्ट अथॉरिटी सहित कई प्रमुख एजेंसियों ने भाग लिया।
अभ्यास के दौरान किन महत्वपूर्ण अभियानों का संचालन किया गया?
अभ्यास के दौरान बाहरी अग्निशमन, हेलीकॉप्टर चिकित्सा निकासी और ड्रोन की सहायता से लाइफबॉय और रिमोट लाइफ जैकेट की तैनाती जैसे महत्वपूर्ण अभियान शामिल थे।