क्या बिहार चुनाव 2025 में भबुआ के मतदाता फिर से नई पार्टी को चुनेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- भबुआ विधानसभा क्षेत्र में मतदाता हर बार अलग पार्टी को चुनते हैं।
- 2020 के चुनाव में राजद का उम्मीदवार जीता था।
- स्थानीय लोग विकास की उम्मीद कर रहे हैं।
- इस क्षेत्र की कुल जनसंख्या 478902 है।
- मतदाता संख्या 280979 है।
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के कैमूर जिले की भबुआ विधानसभा सीट उन कुछ सीटों में से है, जहां हर चुनाव में विधायक बदलते हैं। पिछले चार चुनावों में, यहां के मतदाता हर बार अलग-अलग दलों से अपने प्रतिनिधियों का चयन कर रहे हैं।
वर्तमान में यहां के विधायक भरत बिंद हैं, जिन्होंने 2020 में राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस बार वे भाजपा में शामिल होकर फिर से चुनावी मैदान में हैं। भरत बिंद के राजद छोड़ने के बाद, पार्टी ने यहां से बीरेंद्र कुशवाहा को चुनावी समर में उतारा है।
अगर इस सीट के इतिहास पर नजर डालें, तो 2005 से लेकर 2020 के चुनाव तक, मतदाताओं ने हर चुनाव में विभिन्न दलों को जीत दिलाई है। 2005 में जदयू, 2010 में लोजपा, 2015 में भाजपा और 2020 में राजद ने चुनाव जीते।
2015 में इस सीट पर कमल खिला था, जब नीतीश कुमार ने एनडीए से नाता तोड़कर लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। हालांकि, महागठबंधन सरकार बनी, लेकिन भबुआ सीट हाथ से निकल गई।
फिर, 2020 के विधानसभा चुनाव में, जब नीतीश एक बार फिर एनडीए के साथ चुनाव लड़े, तो जनता ने राजद के उम्मीदवार को चुना।
इस विधानसभा क्षेत्र की कुल जनसंख्या 478902 है, जिनमें से 280979 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाता 146525, महिला मतदाता 134451 और थर्ड जेंडर के 3 वोटर शामिल हैं।
इस विधानसभा सीट पर प्रमुख जातियां ब्राह्मण, कायस्थ और अन्य पिछड़ी जातियां हैं। यहां धान, गेहूं और दालों की खेती होती है, लेकिन किसान प्राकृतिक आपदाओं और विकास की कमी से जूझ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं और आर्थिक अवसरों की कमी एक बड़ी चुनौती है।
स्थानीय लोग अच्छे स्कूल, अस्पताल और डिस्पेंसरी की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि नेता चुनावी वादे करके चले जाते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनकी कोई सुध नहीं लेता। इस बार जो विकास करेगा, उसी को वोट देंगे।