क्या भागलपुर में विधानसभा चुनाव के लिए एफएसटी और एसएसटी को सख्त निर्देश दिए गए हैं?

सारांश
Key Takeaways
- भागलपुर जिला प्रशासन ने चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।
- एफएसटी और एसटीटी का मुख्य उद्देश्य नकदी, शराब और रिश्वत पर नियंत्रण लगाना है।
- तत्काल कार्रवाई के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य है।
- सभी शिकायतें संबंधित अधिकारियों को भेजी जाएंगी।
- नागरिकों ने इस पहल को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया है।
भागलपुर, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित करने के लिए भागलपुर जिला प्रशासन ने व्यापक तैयारियों की प्रक्रिया शुरू कर दी है। समाहरणालय भागलपुर के व्यय एवं अनुश्रवण कोषांग ने फ्लाइंग स्क्वायड टीम (एफएसटी) और स्टैटिक सर्विलांस टीम (एसएसटी) को कड़े निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया में नकदी, शराब, रिश्वत, हथियारों और असामाजिक गतिविधियों पर नियंत्रण करना है।
जिला प्रशासन ने एफएसटी और एसएसटी को निर्देश दिया है कि नकदी, शराब, रिश्वतहथियारों, या गोला-बारूद के परिवहन और वितरण से संबंधित किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाए। उड़न दस्ता (एफएसटी) को मौके पर पहुंचकर संदिग्ध गतिविधियों की जांच करनी होगी। यदि कोई अपराध होने का संदेह हो, तो एफएसटी के प्रभारी पुलिस अधिकारी नकदी, रिश्वत की वस्तुएं, या अन्य निषिद्ध सामग्री जब्त करेंगे। जब्ती के दौरान संबंधित व्यक्तियों और गवाहों के बयान दर्ज किए जाएंगे, और साक्ष्य एकत्र किए जाएंगे। जब्त सामग्री का पंचनामा भारतीय नवीन संहिता (बीएनएस) के प्रावधानों के अनुसार तैयार किया जाएगा।
प्रभारी अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि जब्ती से संबंधित मामला 24 घंटे के भीतर सक्षम न्यायालय में प्रस्तुत किया जाए। एफएसटी के मजिस्ट्रेट को पूरी प्रक्रिया का पालन और कानून-व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई है। सभी कार्रवाइयों की वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य होगी। इसके अतिरिक्त, रिश्वत लेने-देने वालों, निषिद्ध वस्तुओं के साथ पकड़े गए व्यक्तियों, या असामाजिक गतिविधियों में लिप्त लोगों के खिलाफ तुरंत शिकायत या एफआईआर दर्ज की जाएगी। इन शिकायतों की प्रतियां जिला निर्वाचन अधिकारी, सामान्य प्रेक्षक, व्यय प्रेक्षक, और पुलिस प्रेक्षक को भेजी जाएंगी। यदि जब्ती किसी उम्मीदवार के निर्वाचन व्यय से जुड़ी हो, तो इसका उल्लेख छाया प्रेक्षण रजिस्टर में किया जाएगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ये निर्देश भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हैं, ताकि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो। टीमें 24 घंटे सतर्क रहेंगी और किसी भी अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई करेंगी। स्थानीय लोगों ने प्रशासन की इस पहल की सराहना की है।