क्या पूजा न करने के बावजूद भगवान शंकर में जीतन राम मांझी की आस्था है?

सारांश
Key Takeaways
- जीतन राम मांझी की भगवान शंकर में गहरी आस्था है।
- भगवान उनकी इच्छाएं बिना मांगे पूरी करते हैं।
- उन्होंने केदारनाथ की यात्रा की, लेकिन पूजा नहीं की।
- भगवान ने उन्हें मुख्यमंत्री और मंत्री बना दिया।
- यज्ञ में मां ललिता से प्रार्थना की गई।
गया, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी ने सोमवार को कहा कि भले ही वह पूजा नहीं करते, लेकिन भगवान शंकर में उनकी गहरी आस्था है। यही वजह है कि बिना किसी मांग के भगवान उनकी सारी इच्छाएं पूरी करते हैं। जो चीजें वह सोच भी नहीं सकते, वह भी उन्हें प्राप्त हो जाती हैं।
जीतन राम मांझी गया के धर्मसभा भवन में देश के प्रतिष्ठित संत स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी के संरक्षण में आयोजित श्री विद्या त्रिकोटि कुमकुमार्चन महायज्ञ में शामिल हुए।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हाल ही में वह अपने परिवार के साथ केदारनाथ धाम गए थे, लेकिन वहां पूजा करने नहीं गए थे। अपने अंदाज में उन्होंने कहा कि वह भगवान से पूछने गए थे कि वह इतनी कृपा क्यों करते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी भगवान में गहरी आस्था है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मैं भगवान से कुछ मांगता नहीं, लेकिन वह सब पूरा करते हैं। जो मैं सोचता भी नहीं, वह पद भी मिल जाता है। भगवान मुझे खुद उस पद पर पहुंचा देते हैं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा, लेकिन भगवान ने मुझे मुख्यमंत्री बना दिया। सांसद बना दिया और फिर मुझे केंद्र में मंत्री भी बना दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुझे समर्थन देते हैं। भोले बाबा मेरे लिए लोगों का दिमाग पलट देते हैं।"
उन्होंने बताया कि जब वह परिवार के साथ केदारनाथ से सुरक्षित लौट आए, उसके बाद वहां एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई, जिसमें कई लोगों की जान चली गई। इस घटना के बाद हेलीकॉप्टर सेवा भी बंद कर दी गई।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन, सांसद नीरज शेखर, आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक उपेंद्र त्यागी, बिहार विधान परिषद के सदस्य जीवन कुमार सहित कई प्रमुख लोग इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
यज्ञ स्थल पर मां ललिता से राष्ट्र की प्रगति, खुशहाली और जनता के कल्याण के लिए प्रार्थना की गई। पूरा क्षेत्र इस दौरान मंत्रोच्चार से गूंज रहा था। यज्ञ स्थल पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी पहुंच रही थीं।