क्या प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से भाग्यश्री ने अपने कारोबार की शुरुआत की?

सारांश
Key Takeaways
- आर्थिक सहायता: प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लाभ उठाकर लोग आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
- प्रोसेसिंग चार्ज: लोन लेने के लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज नहीं है।
- लोन कैटेगरी: विभिन्न कैटेगरी में लोन की राशि उपलब्ध है।
- बिजनेस शुरू करना: इस योजना से कई लोग अपने व्यवसाय की शुरुआत कर चुके हैं।
- आर्थिक स्थिति में सुधार: योजना के लाभ से लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है।
बीड, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने आम जनमानस के कल्याण के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इनमें से एक प्रभावशाली योजना है 'प्रधानमंत्री मुद्रा योजना'। इस योजना का लाभ महाराष्ट्र के बीड जिले के निवासियों को भी मिल रहा है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने बीड जिले की भाग्यश्री मुंडे की जिंदगी में महत्वपूर्ण बदलाव किया। आर्थिक संकट का सामना कर रही भाग्यश्री हमेशा अपना बिजनेस शुरू करना चाहती थीं, तब उन्हें इस योजना की जानकारी मिली। उन्होंने मुद्रा लोन के लिए आवेदन किया और प्राप्त राशि से एक कॉमन सर्विस सेंटर खोला।
भाग्यश्री शैलेश मुंडे ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि वह अपने पैरों पर खड़े होकर अपना कारोबार शुरू करना चाहती थीं, पर पारिवारिक स्थिति और पैसों की कमी ने उन्हें पीछे रोक रखा था। प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के बारे में जानकर उनके हौसले को नई उड़ान मिली।
उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ उठाकर वह आत्मनिर्भर हो गई हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है और वह अपने परिवार का भी सहारा बनी हैं। भाग्यश्री ने इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिल से आभार व्यक्त किया।
एक विशेष बात यह है कि मुद्रा योजना के तहत लोन लेने में किसी भी प्रकार का प्रोसेसिंग चार्ज नहीं लिया जाता। इसके साथ ही, यह लोन विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध है। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों को बढ़ावा देना है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल 2015 को इस योजना की शुरुआत की थी। इसमें शिशु कैटेगरी के तहत 50,000 रुपए तक, किशोर कैटेगरी के तहत 50,001 रुपए से 5 लाख रुपए तक, तरुण कैटेगरी के तहत 5,00,001 रुपए से 10 लाख रुपए तक और तरुण प्लस कैटेगरी के तहत 20 लाख रुपए तक के लोन उपलब्ध हैं।