क्या भारत 6जी की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाने जा रहा है, ब्रिटेन के साथ नया कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर स्थापित करने के लिए सहयोग?

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क्या भारत 6जी की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाने जा रहा है, ब्रिटेन के साथ नया कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर स्थापित करने के लिए सहयोग?

सारांश

भारत 6जी के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग लगाने की तैयारी कर रहा है। ब्रिटेन के साथ सहयोग में नया कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर स्थापित किया जा रहा है, जो तकनीकी विकास और डिजिटल पहुंच को बढ़ावा देगा। इस पहल से दोनों देशों के विशेषज्ञ मिलकर काम करेंगे, जो दूरसंचार को और बेहतर बनाएगा।

Key Takeaways

  • भारत और ब्रिटेन के बीच नया कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर स्थापित किया जा रहा है।
  • यह 6जी तकनीक के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • संयुक्त निवेश 24 मिलियन पाउंड है, जो लगभग 255 करोड़ रुपए के बराबर है।
  • यह पहल एआई का उपयोग करके नेटवर्क को तेज और सुरक्षित बनाएगी।
  • यह केंद्र डिजिटल पहुंच को और अधिक समावेशी बनाने के लिए कार्य करेगा।

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत ने 6जी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की तैयारी कर ली है। इस संदर्भ में, भारत ने ब्रिटेन के साथ मिलकर एक नया कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर शुरू करने का निर्णय लिया है।

यूके इन इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा, "यूके और भारत ने एक नया कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है, जो 6जी के भविष्य के निर्माण की दिशा में एक बड़ी छलांग है।"

पोस्ट में आगे बताया गया, "इंडिया मोबाइल कांग्रेस में घोषित, 24 मिलियन पाउंड (लगभग 255 करोड़ रुपए) की यह संयुक्त पहल नेटवर्क को तेज, स्मार्ट और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए एआई का उपयोग करेगी।"

इस तकनीकी विकास को लेकर अगले पोस्ट में कहा गया, "यूके-भारत प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल और विजन 2035 के तहत कार्यान्वित, यह केंद्र डिजिटल पहुंच को अधिक समावेशी और विश्वसनीय बनाने के लिए दोनों देशों के शीर्ष विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा।"

भारत और ब्रिटेन के बीच इस समझौते का उद्देश्य दूरसंचार की सुविधाओं को और बेहतर बनाना है। हाल ही में, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने भारत का दौरा किया था।

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री 125 लोगों के डेलीगेशन के साथ मुंबई पहुंचे थे। मुंबई में भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार को लेकर विभिन्न बैठकें आयोजित की गईं। इस दौरान टेक्नोलॉजी और इनोवेशन सेक्टर में चार प्रमुख समझौते हुए, जिनमें भारत-यूके कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर की स्थापना, एआई के लिए भारत-यूके के ज्वाइंट सेंटर की स्थापना, यूके-भारत क्रिटिकल मिनरल्स सप्लाई चेन ऑब्जर्वेटरी के फेज-टू की शुरुआत, और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में एक नया सैटेलाइट कैंपस स्थापित करना शामिल है।

इसके साथ ही, ग्रीन टेक्नोलॉजी और सप्लाई चेन की मजबूती के लिए क्रिटिकल मिनरल्स इंडस्ट्री गिल्ड की स्थापना के लिए भी समझौता किया गया है।

शिक्षा क्षेत्र में दो महत्वपूर्ण समझौतों पर सहमति बनी, जिनमें लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी का बेंगलुरु में कैंपस खोलने के लिए 'लेटर ऑफ इंटेंट' का हस्तांतरण और 'यूनिवर्सिटी ऑफ सरी' का गुजरात की जीआईएफटी सिटी में कैंपस खोलने के लिए मंजूरी शामिल है।

ट्रेड और इन्वेस्टमेंट के क्षेत्र में तीन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिसमें पुनर्गठित भारत-यूके सीईओ फोरम की उद्घाटन बैठक, भारत-यूके संयुक्त आर्थिक व्यापार समिति (जेईटीसीओ) का पुनर्गठन, जो सीईटीए के कार्यान्वयन में सहायता करेगा और दोनों देशों में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा।

क्लाइमेट टेक्नोलॉजी स्टार्टअप फंड में एक ज्वाइंट इन्वेस्टमेंट, जो जलवायु प्रौद्योगिकी और एआई जैसे क्षेत्रों में इनोवेटिव एंटरप्रेन्योर्स को समर्थन देने के लिए ब्रिटेन सरकार और भारतीय स्टेट बैंक के बीच समझौता ज्ञापन के तहत एक रणनीतिक पहल है।

इसके अलावा, क्लाइमेट, हेल्थ और रिसर्च सेक्टर में भी तीन महत्वपूर्ण पहलें हुईं, जिनमें बायो-मेडिकल रिसर्च करियर प्रोग्राम के फेज-थर्ड का शुभारंभ और ऑफशोर विंड टास्कफोर्स की स्थापना शामिल है। इसके अलावा, भारत के आईसीएमआर और ब्रिटेन के एनआईएचआर के बीच हेल्थ रिसर्च पर 'लेटर ऑफ इंटेंट' पर हस्ताक्षर शामिल हैं।

Point of View

यह समझौता भारत और ब्रिटेन के बीच तकनीकी सहयोग को और गहरा करेगा। यह न केवल डिजिटल क्षेत्र में एक नई क्रांति लाएगा, बल्कि दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। हमें ऐसे विकास का समर्थन करना चाहिए जो तकनीकी प्रगति की दिशा में अग्रसर हो।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत और ब्रिटेन का कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर क्या है?
यह एक संयुक्त पहल है जिसका उद्देश्य 6जी तकनीक के विकास को साकार करना है।
इस केंद्र से क्या लाभ होगा?
यह केंद्र नेटवर्क को तेज, स्मार्ट और सुरक्षित बनाने के लिए एआई का उपयोग करेगा।
इस पहल में कितना निवेश किया गया है?
इस पहल में लगभग 24 मिलियन पाउंड (255 करोड़ रुपए) का निवेश किया गया है।
इस केंद्र की स्थापना कब की गई?
इस केंद्र की स्थापना हाल ही में इंडिया मोबाइल कांग्रेस में की गई।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य डिजिटल पहुंच को अधिक समावेशी और विश्वसनीय बनाना है।