क्या भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह की 22वीं बैठक में रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई?

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क्या भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह की 22वीं बैठक में रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई?

सारांश

भारत और अमेरिका ने हाल ही में हवाई में आयोजित सैन्य सहयोग समूह की बैठक में रक्षा संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण चर्चा की। यह बैठक दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाती है। जानें इस बैठक के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
  • संचालन क्षमता में सुधार के लिए नई रणनीतियों पर चर्चा की गई।
  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी।
  • सैन्य नेतृत्व के बीच सक्रिय संवाद को बढ़ावा दिया गया।
  • मिलकर काम करने के लिए ठोस कदम उठाने पर ध्यान दिया गया।

होनोलूलू, 4 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और अमेरिका के सैन्य सहयोग समूह (एमसीजी) की 22वीं बैठक का आयोजन किया गया है। 3-4 नवंबर को हवाई में इस बैठक के दौरान, दोनों देशों ने रक्षा संबंधों को मजबूत करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया।

इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (एचक्यू आईडीएस) के मुख्यालय ने मंगलवार को जानकारी दी कि इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (सीआईएससी) के प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित और अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड के डिप्टी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जोशुआ एम रुड ने की।

इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ हेडक्वार्टर ने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "इस कार्यक्रम में वरिष्ठ सैन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करने, संचालन क्षमता को बढ़ाने और एक स्वतंत्र, खुले और सुरक्षित हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर चर्चा हुई।"

भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह एक ऐतिहासिक मंच है जिसका उद्देश्य दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच रक्षा सहयोग तथा रणनीतिक और परिचालन रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है।

इससे पहले, भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग समूह (एमसीजी) की 21वीं बैठक नवंबर 2024 में दिल्ली में आयोजित की गई थी। उस समय बैठक में क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण आदान-प्रदान, रक्षा औद्योगिक सहयोग और पारंपरिकअन्य खतरों से निपटने के लिए तैयारियों को मजबूत करने वाले संयुक्त अभ्यासों की प्रगति समेत कई विषयों पर गहन चर्चा हुई।

पिछली बैठक में दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी के महत्व पर जोर दिया। दोनों देशों ने सक्रिय जुड़ाव और रणनीतिक रिश्ते को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया। उन्होंने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के सामने आने वाली गतिशील चुनौतियों के विरुद्ध भारत-अमेरिका सैन्य सहयोग के दायरे का विस्तार करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की थी।

भारत और अमेरिका ने सितंबर में प्रमुख वार्षिक सैन्य अभ्यास भी किया था। सैनिकों की संख्या के लिहाज से यह भारतीय सेना के सबसे बड़े द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों में से एक रहा। मद्रास रेजिमेंट की एक बटालियन के नेतृत्व में 450 कर्मियों वाली भारतीय सेना की टुकड़ी ने अमेरिकी सैनिकों के साथ प्रशिक्षण लिया।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत और अमेरिका के बीच बढ़ता सैन्य सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि समग्र अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह बैठक इस दिशा में एक और कदम को प्रदर्शित करती है।
NationPress
04/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत और अमेरिका के सैन्य सहयोग समूह की 22वीं बैठक के क्या मुख्य उद्देश्य थे?
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मजबूत करना, संचालन क्षमता को बढ़ाना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
इस बैठक में किन प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया?
इस बैठक की सह-अध्यक्षता एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित और लेफ्टिनेंट जनरल जोशुआ एम रुड ने की।
भारत और अमेरिका के बीच पिछले सैन्य सहयोग अभ्यास कब हुए थे?
भारत और अमेरिका ने सितंबर में एक प्रमुख वार्षिक सैन्य अभ्यास किया था।