क्या अमेरिका ने सोचा था कि हम रोएंगे और गिड़गिड़ाएंगे? रक्षा विशेषज्ञ जीडी बख्शी ने ट्रंप पर कसा तंज

सारांश
Key Takeaways
- अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है।
- जीडी बख्शी ने इसे एक सही विदेश नीति बताया है।
- भारत एक स्वतंत्र देश है, न कि उपनिवेश।
- ट्रंप को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए, ऐसा बख्शी का तंज है।
- आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है, जिसे मिलकर हल करना चाहिए।
गुरुग्राम, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के बाद, एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत ने रूस और चीन के साथ मिलकर त्रिकोणीय रणनीति अपनाई है, जिसे रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल जीडी बख्शी (सेवानिवृत्त) ने सही ठहराया है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत और चीन को एकजुट करने के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।
मेजर जनरल जीडी बख्शी ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि यह एक उत्कृष्ट विदेश नीति है। उन्होंने कहा कि हम पिछले 30 वर्षों से अमेरिका के साथ मित्रता और रणनीतिक साझेदारी बनाने का प्रयास कर रहे थे। ऐसे में, जब अमेरिका ने 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, तो भारत इसे क्यों सहन करे?
भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु देश है, न कि अमेरिका का उपनिवेश। अमेरिका ने भारत के लिए कोई विकल्प नहीं छोड़ा और इसी ने भारत-रूस-चीन त्रिकोण का निर्माण किया है। जी.डी. बख्शी ने कहा कि ट्रंप को भारत और चीन को एकजुट करने के लिए नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।
एससीओ शिखर सम्मेलन के संदर्भ में, जीडी बख्शी ने कहा कि ट्रंप पूरी दुनिया में अपने प्रभुत्व का प्रदर्शन कर रहे थे, जैसे कि वह सभी को कुचल सकते हैं।
उन्होंने हम पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया, भारत की रीढ़ तोड़ने का प्रयास किया, यह सोचकर कि हम रोएंगे और गिड़गिड़ाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पीएम मोदी और पुतिन के बीच बातचीत हुई है, जिसमें भारत ने कहा है कि आने वाले समय में हम रूस से अधिक तेल खरीदेंगे।
वहीं, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर एसवी भास्कर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहलगाम और आतंकवाद के मुद्दे उठाने पर कहा कि यह केवल भारत के लिए नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए खतरा है।
उन्होंने कहा कि पूरे विश्व को इस चुनौती का सामना करने के लिए एकजुट होना चाहिए। कई देशों ने इस आतंकवादी हमले के खिलाफ वह प्रतिक्रिया नहीं दी, जो एक सभ्य समाज या देश से उम्मीद की जाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद जिस तरह से बढ़ रहा है, उसके कुछ देशों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है, जो कि निंदनीय है।