क्या भारत और रूस ने रक्षा सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई?

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क्या भारत और रूस ने रक्षा सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई?

सारांश

भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। नई दिल्ली में आयोजित कार्य समूह की बैठक ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की प्रतिबद्धता को फिर से स्थापित किया। जानिए इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और क्या कहा गया।

Key Takeaways

  • भारत-रूस के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं।
  • रक्षा सहयोग की योजनाओं की समीक्षा की गई।
  • नई पहलों के लिए प्रतिबद्धता दोहराई गई।
  • दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने का संकल्प लिया गया।
  • भविष्य में उन्नत प्रशिक्षण का आदान-प्रदान होगा।

नई दिल्ली/मास्को, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और रूस ने बुधवार को नई दिल्ली में सैन्य और सैन्य तकनीकी सहयोग पर अंतर-सरकारी आयोग के सैन्य सहयोग कार्य समूह की पांचवीं बैठक का आयोजन किया।

इस बैठक में दोनों देशों के बीच चल रहे रक्षा संबंधों को मजबूत करने और मौजूदा द्विपक्षीय सहयोग तंत्र के अंतर्गत नई पहलों पर चर्चा की गई।

राजधानी के मानेकशॉ सेंटर में आयोजित इस बैठक की सह-अध्यक्षता एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित और रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख, रूसी सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ निदेशालय के मुख्य संचालन उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डाइलेव्स्की इगोर निकोलायेविच ने की।

कार्य समूह की पांचवीं बैठक में वर्तमान रक्षा सहयोग योजनाओं की समीक्षा की गई और सहयोग एवं ज्ञान-साझाकरण के नए रास्ते तलाशे गए।

दोनों पक्षों ने भारत-रूस रक्षा सहयोग को बढ़ाने, विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के तहत केंद्रित जुड़ाव, उन्नत प्रशिक्षण आदान-प्रदान और नई पहलों का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

यह कार्य समूह बैठक, रूस के रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय, एकीकृत रक्षा स्टाफ और अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग के मुख्य निदेशालय के बीच नियमित बातचीत के माध्यम से भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए बनाया गया एक मंच है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर बातचीत की, जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय एजेंडे में प्रगति की समीक्षा की और भारत और रूस के बीच विशेष एवं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीफोन पर बातचीत के दौरान पुतिन को उनके 73वें जन्मदिन पर बधाई दी और उनके अच्छे स्वास्थ्य और उनके सभी प्रयासों में सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वे दिसंबर में 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।

प्रधानमंत्री मोदी 8-9 जुलाई, 2024 को मास्को में आयोजित 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस गए थे। शिखर सम्मेलन के बाद, 'भारत-रूस: स्थायी और विस्तारित साझेदारी' शीर्षक से एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया गया।

सितंबर में दोनों नेताओं ने तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान, उन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की थी और यूक्रेन से संबंधित नवीनतम घटनाक्रमों सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की थी।

Point of View

विशेषकर वैश्विक सुरक्षा के संदर्भ में।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग का महत्व क्या है?
भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग दोनों देशों के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है।
इस बैठक में कौन से प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई?
बैठक में रक्षा सहयोग योजनाओं की समीक्षा, ज्ञान-साझाकरण के नए रास्ते और प्रशिक्षण आदान-प्रदान पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच क्या चर्चा हुई?
मोदी और पुतिन के बीच द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति पर चर्चा हुई और रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई।