क्या भारत और यूके के बीच हुआ मुक्त व्यापार समझौता देश के लिए बड़ी उपलब्धि है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौता एक बड़ी उपलब्धि है।
- यह समझौता उद्योगपतियों को नए अवसर प्रदान करेगा।
- यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन २५ से २९ सितंबर को होगा।
- सभी मातृ भाषाओं का सम्मान आवश्यक है।
- मतदाता सूची पुनरीक्षण एक आवश्यक प्रक्रिया है।
मुंबई, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो २०२५ से पहले, देश के प्रमुख औद्योगिक शहरों में आयोजित किए जा रहे रोड शो की श्रृंखला में चौथा रोड शो मुंबई स्थित आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के एमएसएमई मंत्री राकेश सचान और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए मंत्री राकेश सचान ने कहा कि आज हम इस क्षेत्र के उद्यमियों को उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो के तीसरे एडिशन के लिए आमंत्रित करने आए हैं। इसका आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा २५ से २९ सितंबर तक ग्रेटर नोएडा एक्सपो मार्ट में किया जाएगा। हम यहां महाराष्ट्र के सभी उद्यमियों को इस व्यापार शो में भाग लेने और इसमें भागीदार बनने के लिए प्रेरित करने आए हैं। इससे पहले हम दो सफल इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन कर चुके हैं।
भारत और यूके के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह देश की एक प्रमुख उपलब्धि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के युवाओं को एक नया दृष्टिकोण मिल रहा है। यह समझौता देश के उद्योगपतियों के लिए बड़े अवसरों का द्वार खोलेगा और विभिन्न क्षेत्रों में मार्केट को विस्तारित करेगा।
पीएम मोदी, भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को पीछे छोड़कर लगातार सबसे लंबे समय तक भारत के प्रधानमंत्री रहने वाले दूसरे व्यक्ति बन गए हैं। इस पर राकेश सचान ने कहा कि इस देश की जनता का पीएम मोदी पर विश्वास मजबूत है। देश की जनता ने लगातार तीसरी बार नरेंद्र मोदी की सरकार बनाई है। यह रिकॉर्ड जनता के अटूट विश्वास का परिणाम है, जिसे पीएम मोदी ने बनाए रखा है। बार-बार जनता ने भाजपा की सरकार को चुना है। आज, देश के नागरिकों के लिए पीएम मोदी के दृष्टिकोण के अनुसार सीएम योगी के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ऐसी नीतियां, नियम और कानून बना रही है, जिनका उद्देश्य आम जनता को लाभ पहुंचाना है।
मराठी भाषा को लेकर उठे विवाद पर उन्होंने कहा कि अपने-अपने राज्यों में सभी मातृ भाषाओं का सम्मान होना चाहिए। सभी भाषाएं एक-दूसरे की बहन हैं। हम मराठी भाषा को हिंदी भाषा की बहन मानते हैं। हिंदी बड़ी बहन है और मराठी छोटी बहन है।
बिहार मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि यह चुनाव आयोग की प्रक्रिया है। इसमें कुछ गलत नहीं है। ऐसे कई लोग हैं जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाना आवश्यक है। यह प्रक्रिया बिल्कुल सही है।