क्या भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता रोजगार को बढ़ावा देगा?

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क्या भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता रोजगार को बढ़ावा देगा?

सारांश

भारत और ब्रिटेन के बीच का मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) एक नई आर्थिक शुरुआत का संकेत है। वित्त विशेषज्ञ अजय रोटी के अनुसार, यह समझौता भारतीय किसानों, निर्यातकों और रत्न उद्योग के लिए अनुकूलित अवसरों का द्वार खोलेगा। साथ ही, यह रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति और मजबूत होगी।

Key Takeaways

  • भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता से नयी आर्थिक संभावनाएं खुलेंगी।
  • किसानों को बाजरा और कटहल का शून्य-शुल्क निर्यात का लाभ मिलेगा।
  • रोजगार सृजन के नए अवसर पैदा होंगे।
  • रासायनिक उद्योग को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकृत होने का मौका मिलेगा।
  • समझौता भारत की भू-राजनीतिक स्थिति को मजबूत करेगा।

नई दिल्ली, 24 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत और ब्रिटेन के बीच का मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में एक नया अध्याय प्रारंभ करने जा रहा है। वित्त विशेषज्ञ अजय रोटी के अनुसार, यह समझौता भारतीय किसानों, निर्यातकों, रत्न एवं आभूषण उद्योग, तकनीकी पेशेवरों और रासायनिक कंपनियों के लिए एक गेम-चेंजर साबित होगा। इसके साथ ही, यह दोनों देशों में रोजगार सृजन को भी बढ़ावा देगा और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।

अजय रोटी ने बताया कि यह समझौता भारतीय किसानों और निर्यातकों के लिए कई अवसर लेकर आया है। इस समझौते के माध्यम से ब्रिटेन को बाजरा, कटहल और समुद्री खाद्य जैसे कई कृषि उत्पादों का शून्य-शुल्क निर्यात संभव हो गया है, जिससे भारतीय किसानों को लाभ होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। महत्वपूर्ण यह है कि छोटे किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए डेयरी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों को संरक्षित किया गया है। यह एक बेहतरीन कदम है, जो कृषि निर्यातकों को लाभ प्रदान करते हुए घरेलू हितों की रक्षा करता है।

उन्होंने आगे कहा कि सोने के आभूषणों के निर्यात में ढील दी गई है, जो भारतीय रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के लिए सकारात्मक है। इस समझौते के तहत न केवल कच्चे सोने, बल्कि भारत से तैयार आभूषणों के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि रासायन क्षेत्र भी इस समझौते से लाभान्वित होगा। ब्रिटेन में शून्य-शुल्क पहुंच से भारतीय रासायनिक कंपनियों के निर्यात में वृद्धि होगी। इसके साथ ही, निवेश और कार्यबल गतिशीलता में दी गई ढील से ये कंपनियां वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में और गहराई से एकीकृत हो सकेंगी। यह भारतीय रासायनिक उद्योग को वैश्विक मूल्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने में सहायता करेगा।

अजय रोटी ने आगे कहा कि यह समझौता दोनों देशों में हजारों नए रोजगार उत्पन्न करेगा। भारतीय कंपनियों का ब्रिटेन में विस्तार और ब्रिटिश कंपनियों का भारत में निवेश प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा। अधिक बाजार पहुंच से भारत में उत्पादन बढ़ेगा, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।

वित्त विशेषज्ञ अजय रोटी का मानना है कि यह समझौता न केवल आर्थिक बल्कि भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। यह समझौता वैश्विक मंच पर ब्रांड मोदी और ब्रांड इंडिया को और मजबूत करता है। यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह समझौता भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा और दोनों देशों के नागरिकों के लिए समृद्धि के नए द्वार खोलेगा।

Point of View

बल्कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर मजबूती प्रदान करेगा। ऐसे में, यह कहा जा सकता है कि यह समझौता दोनों देशों के नागरिकों के लिए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगा।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) क्या है?
यह एक व्यापारिक समझौता है जो भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करता है, जिसमें शून्य-शुल्क निर्यात और रोजगार सृजन की संभावनाएं शामिल हैं।
इस समझौते से किसानों को क्या लाभ होगा?
किसानों को बाजरा, कटहल और समुद्री खाद्य जैसे उत्पादों का शून्य-शुल्क निर्यात करने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ होगा।
रोजगार सृजन में यह समझौता कैसे मदद करेगा?
इस समझौते के माध्यम से भारतीय कंपनियों का ब्रिटेन में विस्तार और ब्रिटिश कंपनियों का भारत में निवेश रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
रासायनिक उद्योग को कैसे लाभ होगा?
ब्रिटेन में शून्य-शुल्क पहुंच से भारतीय रासायनिक कंपनियों के निर्यात में वृद्धि होगी और यह वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एकीकृत होगा।
क्या यह समझौता भू-राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है?
हां, यह समझौता भारत के वैश्विक ब्रांड को मजबूत करता है और आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।