क्या पुतिन ने भारत दौरे से पहले अमेरिका को घेरा? पीएम मोदी पर किया भरोसा!

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क्या पुतिन ने भारत दौरे से पहले अमेरिका को घेरा? पीएम मोदी पर किया भरोसा!

सारांश

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के पीएम मोदी की प्रशंसा की और अमेरिका द्वारा बनाए जा रहे दबाव की निंदा की। उन्होंने भारत के साथ रूस के मजबूत संबंध और तेल व्यापार के महत्व पर जोर दिया।

Key Takeaways

  • पुतिन का समर्थन: भारत के तेल व्यापार के लिए पुतिन का समर्थन।
  • मोदी की प्रशंसा: पीएम मोदी को संतुलित और बुद्धिमान नेता बताया।
  • अमेरिकी दबाव: भारत पर अमेरिका द्वारा टैरिफ के जरिए दबाव।
  • भारत-रूस संबंध: दीर्घकालिक राजनयिक संबंधों का महत्व।
  • विशेष रणनीतिक साझेदारी: भारत और रूस की साझेदारी की 15वीं वर्षगांठ।

मास्को, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस) । अमेरिका के साथ चल रहे टैरिफ विवाद के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को लेकर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। रूसी राष्ट्रपति ने मास्को के साथ तेल व्यापार जारी रखने के भारत के निर्णय का मजबूती से समर्थन किया।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और अमेरिका द्वारा रूस से तेल आयात रोकने के लिए दबाव बनाने के प्रयास की कड़ी आलोचना की।

सोची में वल्दाई डिस्कशन क्लब में पुतिन ने पीएम मोदी को एक 'संतुलित और बुद्धिमान नेता' के रूप में वर्णित किया। उन्होंने भारत द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद के पीछे किसी भी राजनीतिक मंशा को नकारते हुए कहा कि यह पूरी तरह से आर्थिक कारणों से प्रेरित है।

पुतिन ने कहा, "इसमें कोई राजनीतिक पहलू नहीं है। अगर भारत हमारी ऊर्जा आपूर्ति से इनकार करता है, तो उसे कुछ नुकसान होगा। अनुमान अलग-अलग हैं। कुछ का कहना है कि यह लगभग 9-10 अरब डॉलर का हो सकता है, लेकिन अगर वह इनकार नहीं करता है, तो प्रतिबंध लगाए जाएंगे और नुकसान उतना ही होगा, तो फिर इनकार क्यों किया जाए, जबकि इससे घरेलू राजनीतिक लागत भी आएगी।"

रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिका के द्वारा टैरिफ के माध्यम से बनाए जा रहे बाहरी दबाव के सामने न झुकने की भारत की क्षमता पर भरोसा जताया। पुतिन ने कहा, "यकीन मानिए, भारत जैसे देश के लोग, राजनीतिक नेतृत्व द्वारा लिए गए फैसलों पर ध्यान देंगे और किसी के सामने किसी प्रकार का अपमान नहीं होने देंगे। और मैं पीएम मोदी को भी जानता हूं। वह कभी इस प्रकार का कदम नहीं उठाएंगे।"

यह टिप्पणी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए भाषण के तुरंत बाद आई है। ट्रंप ने भारत और चीन पर रूस से तेल खरीद जारी रखकर यूक्रेन युद्ध का प्रमुख वित्तीय समर्थक होने का आरोप लगाया था।

अमेरिका ने अगस्त में भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया, जिससे कुल शुल्क 50 प्रतिशत तक पहुंच गया।

राष्ट्रपति पुतिन ने रूस और भारत के बीच दीर्घकालिक राजनयिक संबंधों को भी महत्व दिया और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के समय से चले आ रहे ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, "हम इस बात की सराहना करते हैं कि भारत इसे नहीं भूला है। हमारे बीच कभी कोई समस्या या अंतर्राज्यीय तनाव नहीं रहा।"

पुतिन इस साल भारत दौरे पर आने वाले हैं। जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "भारत के साथ हमारा रिश्ता बहुत ही खास है। हमारा रिश्ता और बढ़ रहा है। हमारी प्राथमिकता दोनों देशों को लाभ पहुंचाने वाले व्यापार संबंध बनाना है। मैं दिसंबर की शुरुआत में अपनी यात्रा और प्रिय दोस्त और विश्वसनीय पार्टनर पीएम मोदी से मिलने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।"

रूस में भारतीय फिल्मों की लोकप्रियता के बारे में उन्होंने कहा कि रूस में बहुत सारे छात्र हैं। हम भारतीय फिल्मों को काफी पसंद करते हैं। भारत के अलावा रूस ऐसा देश है जिसके पास एक अलग चैनल है जिस पर हम भारतीय फिल्में दिखाते हैं। सुरक्षा के क्षेत्र में भी हमारे आपसी संबंध विश्वसनीय हैं। हाल ही में ट्रंप ने भारतीय फिल्मों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की थी।

दोनों देशों के बीच व्यापार को लेकर राष्ट्रपति पुतिन ने भारत से आयात में विविधता लाने की आवश्यकता को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, "भारत से और अधिक कृषि उत्पाद खरीदे जा सकते हैं। औषधीय उत्पादों और फार्मास्यूटिकल्स के लिए हमारी ओर से कुछ कदम उठाए जा सकते हैं... हमें अपने अवसरों और संभावित लाभों को प्राप्त करने के लिए कई तरह के कार्यों को हल करने की आवश्यकता है।"

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और रूस के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी अपनी 15वीं वर्षगांठ के करीब पहुंच रही है, जिससे उनके द्विपक्षीय संबंधों में घनिष्ठ समन्वय के महत्व की पुष्टि होती है।

टैरिफ को लेकर अमेरिका पर निशाना साधते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने कहा, "औपनिवेशिक युग अब समाप्त हो चुका है। उन्हें यह समझना होगा कि वे अपने सहयोगियों से बात करते समय इन शब्दों का उपयोग नहीं कर सकते।"

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के कागजी शेर वाले कमेंट पर पुतिन ने कहा, "एक कागजी शेर। फिर क्या होगा? आगे बढ़ो और इस कागजी शेर का सामना करो। हम पूरे नाटो ब्लॉक से लड़ रहे हैं, हम आगे बढ़ रहे हैं।" उन्होंने सवाल किया कि अगर मैं कागजी शेर हूं तो नाटो क्या है।

फिर ट्रंप ने कहा था कि रूस साढ़े तीन साल में यूक्रेन को हराने में नाकाम रहा है। कीव पूरे यूक्रेन को वापस जीतने और उससे लड़ने की स्थिति में है, बशर्ते यूरोपीय संघ और नाटो उसका समर्थन करते रहें।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि रूस और भारत के बीच संबंधों का महत्व बढ़ता जा रहा है। पुतिन का बयान स्पष्ट करता है कि भारत किसी भी बाहरी दबाव के सामने मजबूती से खड़ा है, जो हमारे देश की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को मजबूत करता है।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

पुतिन ने भारत के बारे में क्या कहा?
पुतिन ने पीएम मोदी की प्रशंसा की और भारत के साथ रूस के तेल व्यापार का समर्थन किया।
अमेरिका ने भारत पर क्या दबाव डाला?
अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया है।
पुतिन का भारत दौरा कब होगा?
पुतिन दिसंबर की शुरुआत में भारत दौरे पर आने की योजना बना रहे हैं।