क्या भारत के स्मार्टफोन शिपमेंट में 5जी हैंडसेट की हिस्सेदारी 87 प्रतिशत तक पहुंच गई?

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क्या भारत के स्मार्टफोन शिपमेंट में 5जी हैंडसेट की हिस्सेदारी 87 प्रतिशत तक पहुंच गई?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि भारत में 5जी स्मार्टफोन की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है? एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की पहली छमाही में 5जी हैंडसेट की हिस्सेदारी 87 प्रतिशत तक पहुंच गई है। जानिए इस ट्रेंड के पीछे क्या कारण हैं और भारत का स्थान वैश्विक स्तर पर क्या है?

Key Takeaways

  • 2025 में 5जी हैंडसेट की हिस्सेदारी बढ़कर 87 प्रतिशत हो गई।
  • भारत अब वैश्विक स्तर पर 14वें स्थान पर है।
  • 5जी स्मार्टफोन की मांग में तेजी आ रही है।
  • बढ़ती उपभोक्ता मांग और किफायती उपकरण इसके कारण हैं।
  • कुछ देशों में 5जी की हिस्सेदारी में वृद्धि धीमी है।

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली छमाही में भारत में स्मार्टफोन शिपमेंट में 5जी हैंडसेट की हिस्सेदारी बढ़कर 87 प्रतिशत हो गई है, जो दर्शाता है कि उपभोक्ता स्मार्टफोन बाजार में नई तकनीकों को तेजी से अपना रहे हैं। यह जानकारी एक रिपोर्ट में साझा की गई है।

काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, कुल स्मार्टफोन शिपमेंट में 5जी की हिस्सेदारी के मामले में भारत अब वैश्विक स्तर पर 14वें स्थान पर है।

2023 की पहली छमाही में भारतीय बाजार में स्मार्टफोन शिपमेंट की हिस्सेदारी 47 प्रतिशत थी और देश वैश्विक स्तर पर 40वें स्थान पर था।

रिपोर्ट में कहा गया कि 5जी स्मार्टफोन का चलन तेजी से बढ़ रहा है और 2025 की पहली छमाही में कुल वैश्विक स्मार्टफोन शिपमेंट में इनकी हिस्सेदारी 71 प्रतिशत थी।

विकसित और उभरते दोनों ही बाजारों में 5जी स्मार्टफोन की पहुंच तेजी से बढ़ी है, जिसका मुख्य कारण बढ़ती उपभोक्ता मांग, किफायती उपकरण और तेज 5जी नेटवर्क का रोलआउट है।

हालांकि, वेनेज़ुएला और इक्वाडोर जैसे कुछ देशों में स्मार्टफोन शिपमेंट में 5जी की हिस्सेदारी में धीमी वृद्धि देखी जा रही है।

2025 की पहली छमाही में, क्रम में नीचे के 10 देशों में 5जी की औसत हिस्सेदारी केवल 15 प्रतिशत थी और एशिया वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा 5जी स्मार्टफोन बाजार था। हालांकि, पाकिस्तान और बांग्लादेश सबसे कम 5जी अपनाने वाले देशों में शामिल थे।

2025 की पहली छमाही में एशिया में स्मार्टफोन शिपमेंट के मामले में पाकिस्तान सातवां सबसे बड़ा बाजार था, लेकिन उसने अभी तक 5G सेवाएं शुरू नहीं की हैं। सरकार 2021 से ही उच्च स्पेक्ट्रम लागत की शिकायतों के कारण स्पेक्ट्रम नीलामी में देरी कर रही है, जबकि अपर्याप्त बुनियादी ढांचा और वित्तीय चुनौतियों के कारण 5जी उपकरण पहुंच से बाहर बने हुए हैं।

रिसर्च फर्म ने कहा कि 5जी नेटवर्क तेजी से लगातार बढ़ रहा है, फिर भी कम से कम 2030 तक इन पिछड़े देशों में 4जी मोबाइल नेटवर्क मुख्यधारा में बना रहेगा।

लैटिन अमेरिका का कुल 5जी शिपमेंट हिस्सा 2025 की पहली छमाही में 41 प्रतिशत से अधिक हो गया, जबकि वेनेजुएला 2025 की पहली छमाही में वैश्विक स्तर पर सबसे निचले स्थान पर रहा, जहां केवल 1 प्रतिशत स्मार्टफोन 5जी नेटवर्क को सपोर्ट करते हैं।

सबसे कम 5जी स्मार्टफोन शिपमेंट वाले निचले 10 देशों में से छह अफ्रीका से हैं, जो इन बाजारों में 5जी अपनाने की धीमी दर को दर्शाता है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत में 5जी स्मार्टफोन की बढ़ती हिस्सेदारी तकनीकी प्रगति और उपभोक्ता की मांग का संकेत है। देश में नई तकनीकों का तेजी से अपनाना न केवल उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है, बल्कि इससे उद्योग के विकास में भी मदद मिलेगी।
NationPress
03/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत में 5जी स्मार्टफोन की हिस्सेदारी कितनी है?
भारत में 2025 की पहली छमाही में 5जी स्मार्टफोन की हिस्सेदारी 87 प्रतिशत है।
कौन सी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है?
यह जानकारी काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट में दी गई है।
भारत का वैश्विक स्तर पर स्थान क्या है?
भारत अब वैश्विक स्तर पर 5जी स्मार्टफोन शिपमेंट में 14वें स्थान पर है।
5जी स्मार्टफोन की बढ़ती मांग के पीछे क्या कारण हैं?
बढ़ती उपभोक्ता मांग, किफायती उपकरण और तेज 5जी नेटवर्क का रोलआउट इसके मुख्य कारण हैं।
क्या पाकिस्तान में 5जी सेवाएं उपलब्ध हैं?
नहीं, पाकिस्तान में अभी तक 5जी सेवाएं शुरू नहीं की गई हैं।