क्या भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात जुलाई-सितंबर तिमाही में 26 प्रतिशत बढ़ा?

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क्या भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात जुलाई-सितंबर तिमाही में 26 प्रतिशत बढ़ा?

सारांश

भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात जुलाई-सितंबर तिमाही में 26 प्रतिशत की बढ़त के साथ 16.85 लाख यूनिट्स के पार पहुंच गया। यह वृद्धि विदेशी बाजारों में भारत में बने वाहनों की लोकप्रियता को दर्शाती है। जानिए इस सफलता के पीछे के कारण और भविष्य की संभावनाएं।

Key Takeaways

  • भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात 26 प्रतिशत बढ़ा।
  • 16.85 लाख यूनिट्स का निर्यात हुआ।
  • मारुति सुजुकी सबसे बड़ी निर्यातक है।
  • दोपहिया वाहनों का निर्यात 25 प्रतिशत बढ़ा।
  • यूटिलिटी वाहनों का निर्यात 26 प्रतिशत बढ़ा।

नई दिल्ली, 19 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात जुलाई-सितंबर तिमाही में 26 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ 16.85 लाख यूनिट्स के स्तर को पार कर गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 13.35 लाख यूनिट्स तक सीमित था। यह आंकड़े भारत में निर्मित कारों, दोपहिया और तिपहिया वाहनों की विदेशी बाजारों में बढ़ती मांग को दर्शाते हैं। यह जानकारी सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) द्वारा जारी की गई है।

यात्री वाहनों, जिसमें कारें, एसयूवी और यूटिलिटी वाहन शामिल हैं, का निर्यात 2025-26 की जुलाई-सितंबर तिमाही में 23 प्रतिशत बढ़कर 2,41,554 यूनिट्स तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 1,96,196 यूनिट्स था।

दूसरी तिमाही के दौरान कारों का निर्यात 20.5 प्रतिशत बढ़कर 1,25,513 यूनिट्स हो गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 1,04,196 यूनिट्स था। विदेशी बाजारों में यूटिलिटी वाहनों की शिपमेंट 26 प्रतिशत बढ़कर 1,13,374 यूनिट्स हो गई है।

वैन सेगमेंट में वाहनों का निर्यात सालाना आधार पर 39 प्रतिशत बढ़ा, हालांकि यह संख्या 2,667 यूनिट्स रही।

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया ने 2,05,763 यूनिट्स के निर्यात के साथ पहले स्थान पर अपनी स्थिति बनाई, जबकि हुंडई मोटर इंडिया 99,540 यूनिट्स के साथ दूसरे स्थान पर रही।

जुलाई-सितंबर तिमाही में दोपहिया वाहनों का निर्यात 25 प्रतिशत बढ़कर 12,95,468 यूनिट्स हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 10,35,997 यूनिट्स था। इस सेगमेंट में, मोटरसाइकिल का निर्यात 27 प्रतिशत बढ़कर 11,08,109 यूनिट्स हो गया, जबकि स्कूटर का निर्यात 12 प्रतिशत बढ़कर 1,77,957 यूनिट्स हो गया।

मो-पेड का निर्यात भी विदेशी बाजार में तेजी से बढ़ रहा है और दूसरी तिमाही में चार गुना से अधिक वृद्धि के साथ 9,402 यूनिट्स पर पहुंच गया है, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 2,028 यूनिट्स था।

तिपहिया वाहनों का निर्यात जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 51 प्रतिशत बढ़कर 1,23,480 यूनिट्स हो गया है।

कुल वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में 22 प्रतिशत बढ़कर 24,011 यूनिट्स हो गया, जो दो अंकों में वृद्धि दर्शाता है।

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के अध्यक्ष शैलेश चंद्रा ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में सभी क्षेत्रों में मजबूत निर्यात वृद्धि भारत में निर्मित वाहनों की बढ़ती ब्रांड स्वीकार्यता को दर्शाती है।

-राष्ट्र प्रेस

Point of View

बल्कि भारतीय निर्माताओं के लिए वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बेहतर स्थिति भी बनाता है। ऐसे में, यह निर्यात वृद्धि भारतीय ब्रांडों की स्वीकार्यता को बढ़ाने में मदद करेगी।
NationPress
19/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात कब बढ़ा?
भारत का ऑटोमोबाइल निर्यात जुलाई-सितंबर तिमाही में 26 प्रतिशत बढ़ा।
कितने यूनिट्स का निर्यात हुआ?
इस तिमाही में कुल निर्यात 16.85 लाख यूनिट्स के पार पहुंच गया।
कौन सी कंपनी सबसे अधिक निर्यात कर रही है?
मारुति सुजुकी इंडिया ने 2,05,763 यूनिट्स का निर्यात किया।
दोपहिया वाहनों का निर्यात क्या हुआ?
दोपहिया वाहनों का निर्यात 25 प्रतिशत बढ़कर 12,95,468 यूनिट्स हो गया।
क्या यह वृद्धि स्थायी होगी?
आगामी तिमाहियों में निर्यात वृद्धि की संभावना बनी हुई है, जो कि भारतीय ब्रांडों की वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है।