क्या एस जयशंकर ने चीन के स्थापना दिवस पर बधाई दी?

सारांश
Key Takeaways
- चीन अपनी स्थापना की 76वीं वर्षगांठ मना रहा है।
- एस जयशंकर ने सोशल मीडिया पर बधाई दी।
- भारतीय और चीनी संबंधों की स्थिरता पर जोर दिया गया।
- चीनी राष्ट्रपति ने यात्रा की उपलब्धियों का जिक्र किया।
- भविष्य में सहयोग की संभावना पर चर्चा।
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन अपनी स्थापना की 76वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस विशेष अवसर पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए चीन के विदेश मंत्री और चीनी जनता को बधाई दी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "पोलित ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी और चीनी जनता को चीन जनवादी गणराज्य के स्थापना दिवस पर मेरी हार्दिक बधाई। हम अपने संबंधों को स्थिर और पुनःस्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।"
स्थापना दिवस के अवसर पर चीन भव्य समारोह का आयोजन कर रहा है। इस मौके पर चीनी विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हवाले से कहा, "हम सब आज चीन जनवादी गणराज्य की स्थापना की 76वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। सबसे पहले, मैं सभी जातीय समूहों के चीनी लोगों, चीनी जन मुक्ति सेना और सशस्त्र पुलिस के सदस्यों, और सभी राजनीतिक दलों और गैर-दलीय सार्वजनिक हस्तियों को उत्सव की शुभकामनाएं देता हूं।"
उन्होंने हांगकांग और मकाओ विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों और ताइवान में रहने वाले अपने देशवासियों को भी बधाई दी। साथ ही, उन सभी देशों और विदेशी मित्रों का आभार व्यक्त किया जिन्होंने चीन के विकास में समर्थन दिया।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले 76 वर्षों में, हमारी पार्टी के नेतृत्व में, चीनी लोगों ने आत्मनिर्भरता और अथक प्रयासों के माध्यम से अद्वितीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं, जो इतिहास में मील के पत्थर के रूप में अंकित होंगी। जब हम पीछे मुड़कर देखते हैं, तो हम चीनी राष्ट्र द्वारा अस्तित्व के संकट से लेकर महान कायाकल्प तक की यात्रा से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकते।
शी जिनपिंग ने कहा कि यह यात्रा चुनौतियों और कठिनाइयों से भरी है, लेकिन यह आत्मविश्वास से भरी भी है, जो चीन को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाती है। इस महीने की शुरुआत में, हमने जापानी आक्रमण के विरुद्ध चीनी जन प्रतिरोध युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ मनाई। इससे हमारे राष्ट्रीय मनोबल को बल मिला है, और हमें अपने देश के प्रति उत्साह बढ़ा है। हमें अतीत से प्रेरणा लेते हुए अपने देश का बेहतर विकास करना चाहिए।