क्या कतर के बाद एस जयशंकर रूस पहुँच गए हैं?

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क्या कतर के बाद एस जयशंकर रूस पहुँच गए हैं?

सारांश

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर का रूस दौरा, जहाँ वे सर्गेई लावरोव से द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगे। आगामी एससीओ बैठक और पुतिन की भारत यात्रा के मद्देनजर महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा।

Key Takeaways

  • एस जयशंकर का रूस दौरा द्विपक्षीय सहयोग को मजबूती देगा।
  • रूसी विदेश मंत्री लावरोव से चर्चा में अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित होगा।
  • आगामी एससीओ बैठक में यूक्रेन की स्थिति पर विचार होगा।

नई दिल्ली, 17 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस पहुँचे हैं। सोमवार को वह मास्को में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों पक्ष द्विपक्षीय सहयोग और आगामी सभी राजनीतिक कार्यक्रमों की समीक्षा की तैयारी करेंगे।

दिसंबर में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत का दौरा करने वाले हैं। रूस यात्रा से पहले भारतीय विदेश मंत्री दोहे में थे, जहाँ उन्होंने कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी से मुलाकात की।

रूसी विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बैठक की घोषणा की और कहा कि दोनों देशों के मंत्री आगामी राजनीतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ प्रमुख द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

बता दें, शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्ष परिषद की बैठक 17-18 नवंबर को आयोजित होने जा रही है। इसको लेकर रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने बताया कि एस जयशंकर बैठक के लिए एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करते हुए मास्को पहुँचेंगे।

उन्होंने कहा कि जयशंकर और लावरोव के बीच बैठक भारत-रूस संबंधों की वर्तमान स्थिति पर केंद्रित होगी और राजनीतिक सहयोग के भविष्य के रास्तों की रूपरेखा तैयार करेगी। वे एससीओ, ब्रिक्स, संयुक्त राष्ट्र और जी20 के भीतर सहयोग सहित प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों पर भी चर्चा करेंगे।

इससे पहले, भारत के विदेश मंत्री ने 19-21 अगस्त 2025 तक रूस का दौरा किया था। इस दौरे पर उन्होंने व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी-टीईसी) के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता की थी।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी। इसके अलावा, एस. जयशंकर ने रूस के प्रथम उप प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ बैठकें कीं। उन्होंने प्रमुख विद्वानों और थिंक टैंकों से भी बातचीत की।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने द्विपक्षीय एजेंडे में प्रगति की समीक्षा के लिए अक्टूबर में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बात की थी। बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने यह भी कहा कि वह दिसंबर में 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूसी नेता का भारत में स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं।

दोनों नेताओं ने सितंबर में तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान भी मुलाकात की थी। इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी मौजूद रहे। तीनों शक्तियों के इस महामिलन पर पूरी दुनिया की नजर टिकी हुई थी।

भारत और रूस के नेताओं ने एससीओ सम्मेलन में यूक्रेन की स्थिति सहित क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर चर्चा की और द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए समर्थन दोहराया। इससे पहले राष्ट्रपति पुतिन ने 2021 में भारत का दौरा किया था।

Point of View

बल्कि वैश्विक राजनीति में उनकी भूमिका को भी उजागर करती है। भारत हमेशा से ही रूस के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता आया है, और यह मुलाकात उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
17/11/2025

Frequently Asked Questions

एस जयशंकर का रूस दौरा किस वजह से है?
एस जयशंकर का दौरा द्विपक्षीय सहयोग और आगामी एससीओ बैठक की तैयारी के लिए है।
क्या एस जयशंकर और लावरोव के बीच कोई विशेष मुद्दा चर्चा में रहेगा?
हाँ, दोनों के बीच राजनीतिक सहयोग और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
क्या राष्ट्रपति पुतिन भारत आने वाले हैं?
जी हाँ, राष्ट्रपति पुतिन दिसंबर में भारत का दौरा करेंगे।
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