क्या भारत का आत्मनिर्भर बनना आवश्यक है? रूस है हमारा समय-सिद्ध साथी: पीएम मोदी

सारांश
Key Takeaways
- भारत की विकास दर वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद मजबूत है।
- रूस के साथ साझेदारी को मजबूत किया जा रहा है।
- स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- मेक इन इंडिया का लक्ष्य निर्माण को बढ़ावा देना है।
- ट्रेड शो में 2400 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं।
ग्रेटर नोएडा, २५ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के आत्मनिर्भर बनने पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के बावजूद भारत की विकास दर मजबूत बनी हुई है।
ग्रेटर नोएडा में आयोजित उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो २०२५ में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस ट्रेड शो का साझेदार देश रूस है, जिसका स्पष्ट अर्थ है कि हम अपनी टाइम-टेस्टेड साझेदारी को और मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार मेक इन इंडिया पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हमारा लक्ष्य देश में चिप से लेकर जहाज तक का निर्माण करना है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि पहली, पूरी तरह से स्वदेशी एके-203 असॉल्ट राइफलें जल्द ही सेना को सौंप दी जाएंगी।
इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी है, जो उत्तर प्रदेश के अमेठी में एके-203 (जिसे भारत में 'शेर' नाम दिया गया है) के स्वदेशी उत्पादन के लिए स्थापित की गई है। एके-203 राइफलें एके-47 और एके-56 राइफलों की तुलना में काफी आधुनिक हैं और कलाश्निकोव सीरीज की सबसे घातक राइफलों में से एक मानी जाती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि अब भारतीयों का मानना है कि स्वदेशी उत्पाद बेहतर, उपयोगकर्ता-अनुकूल और टिकाऊ होते जा रहे हैं। इस कारण गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए और देश को आत्मनिर्भर बनना होगा।
जैसे ही प्रधानमंत्री मेगा ट्रेड शो का उद्घाटन करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, उन्होंने प्रदर्शनी क्षेत्र का दौरा किया और विभिन्न क्षेत्रों में अगली पीढ़ी के इनोवेशन को देखा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में आयोजित इस मेगा इवेंट का तीसरा संस्करण २५ से २९ सितंबर तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें राज्य की औद्योगिक, कृषि, सांस्कृतिक और इनोवेशन क्षमताओं को वैश्विक मंच पर प्रदर्शित किया जाएगा।
यह आयोजन औद्योगिक प्रगति को प्रदर्शित करने, व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने पर केंद्रित है। इसमें बिजनेस और इंडस्ट्री लीडर्स, स्टार्टअप, निर्यातक और सरकारी अधिकारी शामिल होंगे। इस व्यापार मेले में २,४०० से अधिक प्रदर्शकों और १,२५,००० बी2बी आगंतुकों के भाग लेने की उम्मीद है।