क्या पिछले 10 वर्षों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति अभूतपूर्व है?

Click to start listening
क्या पिछले 10 वर्षों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति अभूतपूर्व है?

सारांश

भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व प्रगति की है। चंद्रयान-3 की सफलता और नए मिशनों की योजनाओं के साथ, देश अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों को छू रहा है। इस लेख में जानें कि इसरो और भारतीय वैज्ञानिकों ने कैसे अंतरिक्ष में पहचान बनाई है।

Key Takeaways

  • चंद्रयान-3 की सफलता ने भारत को अंतरिक्ष में नई पहचान दिलाई है।
  • ऑपरेशन सिंदूर ने तकनीकी क्षमता का प्रदर्शन किया।
  • भारतीय वैज्ञानिकों की मेहनत और समर्पण ने अंतरिक्ष में नई ऊंचाइयों को छुआ है।
  • गगनयान और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन के मिशन भविष्य की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।
  • नए वैज्ञानिकों को प्रेरित करने की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 23 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। आज देश में दूसरा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जा रहा है, जो चंद्रयान-3 मिशन की ऐतिहासिक सफलता को समर्पित है। इस मौके पर नई दिल्ली के भारत मंडपम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी शामिल हुए। उनके साथ केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और इसरो चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन भी उपस्थित थे।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "दो साल पहले भारत दुनिया का पहला देश बना, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखा। हाल ही में शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय बनने की उपलब्धि प्राप्त की। मुझे गर्व है कि एक्सिओम-4 मिशन में शामिल होने का निमंत्रण उनके द्वारा दिया गया था। भारतीय प्रतिभा को अब मान्यता मिल रही है।"

उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख करते हुए कहा, "पिछले 10 वर्षों में भारत ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में अभूतपूर्व प्रगति की है। इस ऑपरेशन ने हमें पाकिस्तान की जमीन पर इस तकनीक का परीक्षण करने का अवसर प्रदान किया और विश्व को दिखाया कि पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में क्या हासिल किया है।"

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा, "हम जो कर रहे हैं या जो योजनाएं बना रहे हैं, उसे देखकर मैं बहुत उत्साहित हूं। दो साल पहले हमारे पास जश्न मनाने का अवसर नहीं था, लेकिन अब एक साल के भीतर यह संभव हो सकता है। हमारे आगे गगनयान, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर लैंडिंग जैसे कई मिशन हैं। हमें बस जोश की आवश्यकता है। मैं यहां बैठे प्रत्येक बच्चे से यही अपेक्षा करता हूं कि वे इस दिशा में आगे बढ़ें। देश को आपकी आवश्यकता है।"

इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की बधाई दी। उन्होंने लिखा, "राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर हम चंद्रयान-3 के माध्यम से चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत की ऐतिहासिक उपलब्धि का उत्सव मना रहे हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में नई ऊंचाइयों को छू रहा है, जो अनंत संभावनाओं के द्वार खोल रहा है। मैं हमारे देश के प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों को बधाई देता हूं, जिनकी मेहनत और प्रतिभा हमें गर्वित करती है।

Point of View

मेरा मानना है कि भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति न केवल राष्ट्रीय गर्व का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे वैज्ञानिकों की मेहनत और समर्पण का परिणाम है। देश को आगे बढ़ाने के लिए यह आवश्यक है कि हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में और अधिक निवेश करें और भविष्य की पीढ़ियों को प्रेरित करें।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

भारत ने अंतरिक्ष में क्या उपलब्धियां हासिल की हैं?
भारत ने चंद्रयान-3 जैसे मिशनों के माध्यम से चंद्रमा पर सफलतापूर्वक पहुंचने की उपलब्धि हासिल की है और अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर अपने पहले भारतीय को भेजा है।
ऑपरेशन सिंदूर का क्या महत्व है?
ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को पाकिस्तान की धरती पर अपनी तकनीक का परीक्षण करने का अवसर दिया और यह दिखाता है कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में क्या हासिल किया है।