क्या धर्म नहीं, कर्म देखकर किया गया हिसाब? ऑपरेशन सिंदूर पर राजनाथ सिंह का बयान

सारांश
Key Takeaways
- भारत अब अपने हथियार खुद बना रहा है।
- रक्षा निर्यात 24,000 करोड़ रुपए सालाना तक पहुंचा।
- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य रखा गया है।
- नई यूनिट से रोजगार सृजित होंगे।
- आर्थिक विकास में रक्षा क्षेत्र की भूमिका बढ़ रही है।
भोपाल, 10 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को नेक्स्टजेन रोलिंग स्टॉक फैक्ट्री: बीईएमएल रेल हब फॉर मैन्युफैक्चरिंग (ब्रह्मा) के 'भूमि पूजन समारोह' में भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और आर्थिक प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अब हम वे हथियार बना रहे हैं, जो पहले हम विदेशों से खरीदते थे। आज हम रक्षा क्षेत्र में मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम के दौरान कहा, "2014 में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी सरकार बनी, तब उनकी दूरदर्शिता के कारण हमने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य रखा। आज हम न केवल अपने पैरों पर खड़े हैं, बल्कि रक्षा क्षेत्र में मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। अब हम वे हथियार बना रहे हैं, जो पहले हम विदेशों से खरीदते थे। भारत का रक्षा निर्यात आज लगभग 24,000 करोड़ रुपए सालाना तक पहुंच गया है, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है।"
उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख करते हुए कहा, "पहलगाम में कुछ आतंकवादियों ने पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी थी। आतंकियों ने मान लिया था कि भारत शांत होकर बैठ जाएगा, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री का संकल्प था कि हम इसका मुंहतोड़ जवाब देंगे। कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि धर्म पूछकर मारा जाएगा। हमने भी ठान लिया था कि हम उनका धर्म पूछकर नहीं मारेंगे बल्कि कर्म देखकर मारेंगे और इसलिए उन्हें उनके अंजाम तक पहुंचाया गया। हमने दुनिया को स्पष्ट संदेश दिया है कि हम किसी को छेड़ते नहीं, लेकिन अगर कोई हमें छेड़े, तो हम उसे छोड़ते भी नहीं।"
बीईएमएल की नई परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, "आज जिस यूनिट का शिलान्यास हो रहा है, वह भविष्य में न केवल रोजगार के नए अवसर सृजित करेगी, बल्कि छोटे और बड़े उद्योगों को भी प्रोत्साहन देगी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और तकनीकी दक्षता का लाभ मिलेगा।"
उन्होंने रक्षा क्षेत्र के योगदान पर बल देते हुए कहा, "भारत की आर्थिक प्रगति में रक्षा क्षेत्र आज एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह क्षेत्र न केवल देश की सुरक्षा को मजबूत कर रहा है, बल्कि आर्थिक विकास को गति देने में भी योगदान दे रहा है।"