क्या भारत में हर घंटे 60 अतिरिक्त उड़ानें और हर 40 दिन में नया हवाई अड्डा बन रहा है?

सारांश
Key Takeaways
- भारत में 88 नए हवाई अड्डे का निर्माण हुआ है।
- हर 40 दिन में एक नया हवाई अड्डा स्थापित हो रहा है।
- उड़ान भरना अब अधिक सुलभ है।
- नागरिक उड्डयन क्षेत्र में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी पर ध्यान दिया जा रहा है।
- सरकार समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
नई दिल्ली, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने बताया कि भारत में हर 40 दिन में एक नया हवाई अड्डा स्थापित हुआ है, जिससे 10 वर्षों में कुल 88 नए हवाई अड्डे बने हैं और हर घंटे 60 अतिरिक्त उड़ानें जोड़ी गई हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज भारत में उड़ान भरना पहले से ज्यादा सुलभ और किफायती हो चुका है।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, भारतीय आकाश और भी अधिक जुड़ा हुआ, प्रतिस्पर्धी और सहयोगात्मक बन गया है।"
उन्होंने समावेशी विमानन विकास को सुनिश्चित करने के लिए राज्य-विशिष्ट और सहयोगात्मक रणनीतियों के प्रति मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दोहराया।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा आयोजित उत्तर क्षेत्र नागरिक उड्डयन मंत्रियों का सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इस रणनीतिक पहल के माध्यम से हमारा उद्देश्य क्षेत्रीय अवसरों की पहचान करना और टियर 2 और टियर 3 श्रेणी के शहरों की अपार क्षमता को साकार करना है।"
कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उद्घाटन समारोह में कहा कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र राज्य में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, पर्यटन और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उन्होंने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में हो रही प्रगति की सराहना की और राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में हेलीकॉप्टर संचालन की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिसके लिए राज्य सरकार और मंत्रालय दोनों प्रतिबद्ध हैं।
मंत्रालय द्वारा विमानन क्षेत्र में राज्यों के लिए उपलब्ध अवसरों पर कई प्रस्तुतियाँ दी गईं।
इन प्रस्तुतियों के बाद, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री नायडू ने राज्य सरकारों के प्रतिनिधिमंडलों और मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठकें आयोजित कीं।
इन बैठकों में राज्यों को अपनी आवश्यकताओं और सुझावों को सीधे मंत्रालय के समक्ष रखने का अवसर मिला।
साथ ही, राज्य सरकारों ने विमानन उद्योग के प्रमुख हितधारकों (जैसे एयरलाइंस, ओईएमएस, एफटीओएस, एमआरओएस, एएआई, पीएचएल) से भी चर्चा की।
सम्मेलन के अंत में आयोजित प्लेनरी सेशन ने पूरे दिन हुई चर्चाओं और निष्कर्षों का एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
केंद्रीय मंत्री नायडू ने उत्तर क्षेत्र के लिए मंत्रालय की रणनीतिक प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला, जिसमें हेलीपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास, उड़ान मार्गों का विस्तार, फ्लाइंग ट्रेनिंग संस्थानों और एमआरओ हब्स को सुदृढ़ करना और केंद्र-राज्य-उद्योग के बीच समन्वय बढ़ाना शामिल था।