क्या भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस को विशेषाधिकार दिया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत सरकार ने आईबीसीए को विशेषाधिकार दिए हैं।
- यह कदम बिग कैट्स के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देगा।
- आईबीसीए को संगठन की संपत्ति और अधिकारियों की सुरक्षा से संबंधित विशेषाधिकार प्राप्त हैं।
- यह निर्णय भारत के पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
- बिग कैट्स का संरक्षण पारिस्थितिक तंत्र के लिए आवश्यक है।
नई दिल्ली, 22 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (आईबीसीए) और इसके प्रतिनिधियों को विशेषाधिकार और उन्मुक्ति प्रदान की है। यह विशेषाधिकार और उन्मुक्ति संयुक्त राष्ट्र (विशेषाधिकार और उन्मुक्ति) अधिनियम, 1947 के तहत राजपत्र अधिसूचना जारी करके दी गई है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर इस बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि यह कदम बिग कैट्स (जैसे शेर, बाघ, चीता आदि) के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भूपेंद्र यादव के अनुसार, 17 अप्रैल, 2025 को भारत सरकार ने आईबीसीए के साथ मेजबान देश करार पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत भारत में इस संगठन की स्थापना की गई। इस करार के तहत आईबीसीए और इसके प्रतिनिधियों को विशेषाधिकार और उन्मुक्ति देने का प्रावधान है। इस अधिसूचना के माध्यम से केंद्र सरकार ने संयुक्त राष्ट्र अधिनियम, 1947 की धारा 3 के तहत आवश्यक प्रावधान लागू किए हैं। इनमें संगठन की संपत्ति, संचार, और अधिकारियों की सुरक्षा से संबंधित विशेषाधिकार शामिल हैं।
भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह कदम बिग कैट्स के संरक्षण को बढ़ावा देगा, जो उनके पारिस्थितिक तंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक है। यह ग्रह की जैव विविधता और पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने में भी सहायता करेगा। आईबीसीए अब वैश्विक स्तर पर बिग कैट्स के संरक्षण के लिए सहयोग, ज्ञान के आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने में सक्षम होगा।
उन्होंने कहा कि यह अधिसूचना भारत के पर्यावरण संरक्षण और वैश्विक सहयोग के प्रति समर्पण को रेखांकित करती है। आईबीसीए के माध्यम से भारत दुनिया भर में बिग कैट्स की प्रजातियों को बचाने और उनके आवास को सुरक्षित करने की दिशा में नेतृत्वकारी भूमिका निभा रहा है।