क्या चीन को भारत की खरी-खरी सुनाई गई? 'अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग'
सारांश
Key Takeaways
- अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है।
- चीन की दावेदारी का भारत ने सख्त विरोध किया है।
- इस मुद्दे पर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट रुख अपनाया है।
- सोशल मीडिया पर पेमा वांग थोंगडोक की कहानी ने इस विवाद को और बढ़ाया।
नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अरुणाचल प्रदेश को लेकर भारत ने एक बार फिर चीन को सही रास्ता दिखाया है। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक महत्वपूर्ण और अविभाज्य हिस्सा है, और यह एक ऐसी सच्चाई है जो कभी नहीं बदलेगी।
विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक ब्रीफिंग में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने चीनी सरकार के समक्ष यह स्पष्ट किया है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है, और यह एक ऐसा तथ्य है, जो स्वयं सिद्ध है।
उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष द्वारा किसी भी तरह का इनकार इस निर्विवाद वास्तविकता को नहीं बदल सकता। साथ ही, हमने नई दिल्ली और बीजिंग में चीनी सरकार से यह मुद्दा उठाया है। हमने स्पष्ट किया है कि इस तरह के विवाद दोनों देशों के संबंधों के लिए अच्छे नहीं हैं।
अरुणाचल प्रदेश को लेकर ताजा घटना तब हुई जब पूर्वोत्तर के इस राज्य की निवासी पेमा वांग थोंगडोक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर चीनी अधिकारियों की तानाशाही का खुलासा किया।
पेमा ने कहा कि 21 नवंबर को शंघाई पुडोंग अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर चीनी इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें लगभग 18 घंटे तक बंधक बनाए रखा और प्रताड़ित किया।
महिला ने बताया कि चीनी अधिकारियों ने उसके भारतीय पासपोर्ट को यह कहते हुए अवैध घोषित कर दिया कि उसका जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश चीन का हिस्सा है, इसलिए पासपोर्ट को वैध नहीं माना जा सकता। ब्रिटेन में रहने वाली यह महिला 21 नवंबर को लंदन से जापान जा रही थी। शंघाई में उनका निर्धारित ट्रांजिट स्टॉप सिर्फ तीन घंटे का था।
पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश की महिला के पासपोर्ट को अवैध बताने पर भारत ने चीन को सख्त जवाब दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने अरुणाचल प्रदेश की एक भारतीय नागरिक को मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने की घटना के संबंध में चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा दिए गए बयान देखे हैं। उसके पास वैध पासपोर्ट था और वह शंघाई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से जापान की अपनी आगे की यात्रा पर जा रही थीं।