क्या ट्रंप का कहना सच है? भारत ने रूस से तेल खरीदने में कोई रोक नहीं लगाई

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क्या ट्रंप का कहना सच है? भारत ने रूस से तेल खरीदने में कोई रोक नहीं लगाई

सारांश

भारत के सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि रूस से तेल खरीद पर कोई रोक नहीं है, भले ही ट्रंप ने दावा किया हो। भारत अपनी ऊर्जा खरीद को राष्ट्रीय हितों और बाजार की स्थिति के अनुसार संचालित करता है। जानें इस मुद्दे पर विस्तार से।

Key Takeaways

  • भारत ने रूस से तेल खरीद पर कोई रोक नहीं लगाई है।
  • ट्रंप के बयान पर सरकार ने कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी।
  • भारत की ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हितों पर निर्भर करती है।
  • भारत रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।
  • भारत और अमेरिका के रिश्ते मजबूत और साझेदारी पर आधारित हैं।

नई दिल्ली, २ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के जवाब में, भारत सरकार के सूत्रों ने शनिवार को स्पष्ट किया कि रूस से तेल खरीद पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

सरकारी सूत्रों ने बताया, "भारत की ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हितों और बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है। हमारे पास कोई जानकारी नहीं है कि भारतीय तेल कंपनियों ने रूसी तेल खरीदना बंद किया है।"

हालांकि, ट्रंप के बयान पर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी में संवाददाताओं से कहा, "मैं समझता हूं कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। मैंने यही सुना है, मुझे नहीं पता कि यह सही है या नहीं। यह एक अच्छा कदम है। देखते हैं क्या होता है।"

अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी दी है कि अगर मास्को ने यूक्रेन के साथ कोई बड़ा शांति समझौता नहीं किया, तो वे रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर १०० प्रतिशत टैरिफ लगा देंगे।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "हम अपने ऊर्जा स्रोतों की आवश्यकताओं के प्रति सजग हैं और वर्तमान वैश्विक स्थिति पर ध्यान रखते हैं।"

कुछ रिपोर्टों में पहले कहा गया था कि भारतीय रिफाइनिंग कंपनियों ने रूसी तेल खरीदना बंद कर दिया है। भारत वर्तमान में रूसी कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है।

सूत्रों के अनुसार, "ये कंपनियां नियमित रूप से रूसी तेल की डिलीवरी के अनुसार खरीद करती हैं और हाजिर बाजारों की ओर देख रही हैं, जिसमें मुख्यतः मध्य पूर्वी ग्रेड जैसे अबू धाबी का मर्बन क्रूड और पश्चिम अफ्रीकी तेल शामिल हैं।"

भारत अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वैश्विक बाजार की ऑफरिंग के आधार पर तेल खरीदता है।

जायसवाल ने कहा, "हमारे संबंध किसी तीसरे देश के दृष्टिकोण से नहीं देखे जाने चाहिए। भारत-रूस संबंधों में एक स्थिर साझेदारी है।"

जायसवाल ने कहा, "भारत और अमेरिका साझा हितों और मजबूत जन-जन संबंधों पर आधारित एक व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी साझा करते हैं।"

Point of View

यह आवश्यक है कि हम हर स्थिति में अपने देश के हितों को प्राथमिकता दें। भारत की ऊर्जा सुरक्षा और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा हमें जिम्मेदार निर्णय लेने के लिए प्रेरित करती है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम किसी भी कथन या दबाव के आगे न झुकें।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है?
नहीं, सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत ने रूस से तेल खरीदने पर कोई रोक नहीं लगाई है।
ट्रंप का बयान क्या है?
ट्रंप ने कहा कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा, लेकिन इसके पीछे कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
भारत की ऊर्जा खरीद पर क्या निर्भरता है?
भारत की ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हितों और बाजार की स्थिति पर निर्भर करती है।
क्या अमेरिका ने रूस से तेल खरीद पर कोई टैरिफ लगाने की धमकी दी है?
हाँ, ट्रंप ने कहा कि यदि रूस यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं करता है, तो वे टैरिफ लगा सकते हैं।
भारत की तेल कंपनियां किस प्रकार के तेल का आयात करती हैं?
भारतीय कंपनियां नियमित रूप से रूसी तेल और अन्य मध्य पूर्वी ग्रेड का आयात करती हैं।
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