क्या वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत ने मजबूती का प्रदर्शन किया है: शक्तिकांत दास

Click to start listening
क्या वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत ने मजबूती का प्रदर्शन किया है: शक्तिकांत दास

सारांश

क्या भारत वैश्विक अनिश्चितता के बीच मजबूती से उभरा है? जानिए शक्तिकांत दास के विचार और भारत के आत्मनिर्भरता के प्रयासों का असर।

Key Takeaways

  • भारत ने वैश्विक चुनौतियों का सामना किया है।
  • आत्मनिर्भरता और बुनियादी ढांचे पर ध्यान दिया गया है।
  • भारत का विनिर्माण क्षेत्र 5.9% की दर से बढ़ा है।
  • भारत 2025 में चौथी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में है।

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि वैश्विक अनिश्चितता और खंडित व्यापार व्यवस्था के बीच भारत मजबूती का प्रदर्शन कर रहा है।

पुणे के गोखले संस्थान में 85वें काले स्मृति व्याख्यान के दौरान उन्होंने बताया कि महामारी, भू-राजनीतिक संघर्षों और सप्लाई चेन में हुई कमज़ोरियों ने लंबे समय से चले आ रहे वैश्वीकरण के मानदंडों और लागत-आधारित व्यापार सिद्धांतों को बाधित किया है। इससे राष्ट्र आत्मनिर्भरता और क्षेत्रीय व्यापार समझौतों की ओर बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, "आत्मनिर्भर भारत के तहत किए गए संरचनात्मक सुधारों, घरेलू मांग और विवेकपूर्ण मैक्रो नीतियों के बल पर भारत ने वैश्विक चुनौतियों का सामना किया है और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में लगभग पाँचवें हिस्से का योगदान देने के लिए तैयार है।"

दास ने कहा, "भारत बदलती वैश्विक व्यवस्था के साथ तालमेल बिठाने के लिए अपने व्यापारिक संबंधों को सक्रिय रूप से नया रूप दे रहा है। भारत 14 मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) और छह पीटीए पर हस्ताक्षरकर्ता है, जिनमें हाल ही में शामिल हुए यूके, ऑस्ट्रेलिया और यूएई के एफटीए शामिल हैं।"

इसके अतिरिक्त, यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के सदस्य - आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, स्विट्जरलैंड और भारत ने मार्च 2024 में एक व्यापक व्यापार और आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।

वर्तमान में, भारत अमेरिका, यूरोपीय संघ, पेरू, ओमान, न्यूजीलैंड और कई अन्य देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है।

उन्होंने कहा, "हमारी व्यापार वार्ताओं की अंतर्निहित प्राथमिकता हमारे राष्ट्र और लोगों के सर्वोत्तम हित में निष्पक्ष और संतुलित समझौते सुनिश्चित करना है।"

इस बदलती वैश्विक व्यवस्था के बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने वाले मजबूत बुनियादी ढांचे और इन बुनियादी ढांचे को मजबूत करने वाले संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक होगा।

पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा, "इन कारकों ने भारत को अशांत विश्व व्यवस्था में आगे बढ़ने में सक्षम बनाया है।"

भारत तेजी से एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर रहा है। घरेलू सुधारों और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के कारण, 2025 में चौथी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था और 2028 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है।

दास ने कहा कि व्यापक क्षेत्रीय स्तर पर, भारत का विनिर्माण क्षेत्र पिछले एक दशक में औसतन 5.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत की मजबूती वैश्विक अनिश्चितताओं के मध्य एक सकारात्मक संकेत है। शक्तिकांत दास का दृष्टिकोण हमें यह बताता है कि आत्मनिर्भरता और क्षेत्रीय व्यापार समझौतों पर ध्यान केंद्रित करके, हम आर्थिक स्थिरता की ओर बढ़ सकते हैं।
NationPress
11/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत की आर्थिक स्थिति क्या है?
भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है, विशेषकर आत्मनिर्भर भारत के प्रयासों से।
मुक्त व्यापार समझौतों का क्या महत्व है?
मुक्त व्यापार समझौतों से व्यापार में वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार होता है।