क्या भारत और नीदरलैंड्स के बीच 13वीं विदेश मंत्रालय बैठक से रिश्ते और मजबूत होंगे?

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क्या भारत और नीदरलैंड्स के बीच 13वीं विदेश मंत्रालय बैठक से रिश्ते और मजबूत होंगे?

Key Takeaways

  • भारत और नीदरलैंड्स के बीच उच्चस्तरीय संपर्क बढ़ रहे हैं।
  • नई तकनीकी सहयोग के क्षेत्रों की पहचान की गई है।
  • द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
  • आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता को दोहराया गया।
  • सांस्कृतिक और जनसंपर्क को महत्व दिया गया।

नई दिल्ली, 4 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और नीदरलैंड्स के बीच 13वीं विदेश मंत्रालय स्तरीय परामर्श बैठक (एफओसी) गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित की गई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) सिबि जॉर्ज ने किया, जबकि नीदरलैंड्स की ओर से विदेश मंत्रालय के महासचिव क्रिस्टियान रेबर्गन उपस्थित रहे। पिछली बैठक मई 2024 में द हेग में हुई थी।

बैठक के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे के साथ बढ़ते उच्चस्तरीय संपर्कों की सराहना की। हाल ही में 23 नवंबर 2025 को जोहान्सबर्ग में हुए जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री डिक शूफ की मुलाकात का जिक्र हुआ। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों को नई गति देने की आवश्यकता पर जोर दिया।

बैठक में पुरानी प्रगति का मूल्यांकन करने के साथ-साथ नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की दिशा में चर्चा हुई। सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन, शिपिंग, विज्ञान-तकनीक, रक्षा और सुरक्षा जैसे उच्च तकनीकी क्षेत्रों में साझेदारी को और गहरा करने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त, पानी, कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में चल रहे प्रोजेक्ट्स को तेज करने पर भी सहमति बनी। दोनों देश चाहते हैं कि इन सभी क्षेत्रों में सहयोग केवल व्यापारिक न होकर, बल्कि रणनीतिक स्तर पर भी हो।

व्यापार और निवेश के मामले में नीदरलैंड्स को भारत का यूरोप में सबसे महत्वपूर्ण साझेदार माना गया। दोनों पक्षों ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौते को इस वर्ष के अंत तक पूरा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी दोनों देश एकजुट हैं। भारत ने एक बार फिर आतंकवाद के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया।

लोगों से लोगों का संपर्क और सांस्कृतिक रिश्तों को दोनों देश बहुत महत्व देते हैं। नीदरलैंड्स में रह रहा भारतीय समुदाय वहां की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान दे रहा है और दोनों देशों के बीच एक मजबूत पुल का काम कर रहा है।

भारत और नीदरलैंड्स के बीच पानी के क्षेत्र में एक विशेष रणनीतिक साझेदारी है। बाढ़ प्रबंधन, साफ पानी की तकनीक और डेल्टा प्रबंधन में नीदरलैंड्स की विशेषज्ञता का भारत को बहुत लाभ हो रहा है।

बैठक के अंत में दोनों देशों ने नियमित अंतराल पर ऐसी बातचीत जारी रखने और अगली एफओसी बैठक को नीदरलैंड्स में जल्द आयोजित करने पर सहमति जताई। दोनों पक्षों ने माना कि साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और कई क्षेत्रों में गहराते सहयोग के कारण भारत-नीदरलैंड्स के रिश्ते अब एक नई ऊंचाई पर पहुंच रहे हैं।

Point of View

बल्कि सामरिक महत्व भी रखते हैं। यह बैठक उन साझा मूल्यों को भी रेखांकित करती है जो दोनों देशों को एक साथ लाते हैं।
NationPress
12/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और नीदरलैंड्स के बीच बैठक का मुख्य उद्देश्य क्या था?
बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय संपर्कों को और मजबूत करना और नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना था।
बैठक में किन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई?
बैठक में सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन हाइड्रोजन, शिपिंग, विज्ञान-तकनीक, रक्षा और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।
भारत और नीदरलैंड्स के रिश्ते में क्या खास है?
भारत और नीदरलैंड्स के रिश्ते में एक विशेष रणनीतिक साझेदारी है, विशेषकर पानी के क्षेत्र में।
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