क्या कांग्रेस नेता अमित देशमुख ने 50 फीसदी टैरिफ लगाने पर चिंता व्यक्त की?

सारांश
Key Takeaways
- अमित देशमुख ने 50% टैरिफ पर चिंता जताई।
- यह भारत की विदेश नीति की कमजोरी का संकेत है।
- भारत सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।
- टैरिफ का बुरा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।
- इस फैसले की कड़ी निंदा की गई है।
मुंबई, 7 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के नेता अमित देशमुख ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ट्रंप की इस घोषणा का कारण भारत सरकार की कमजोर विदेश नीति है।
गुरुवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि जिस तरह से ट्रंप ने भारत पर टैरिफ लगाया है, वह दर्शाता है कि भारत की विदेश नीति असफल रही है। इस टैरिफ के लिए भारत सरकार जिम्मेदार है।
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि अब तक भारत सरकार की ओर से टैरिफ पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। उन्हें लगता है कि भारत सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। अगर हालात ऐसे ही रहें, तो इसका बुरा असर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 1 अगस्त को भारत पर 25 फीसदी टैरिफ और 6 अगस्त को अतिरिक्त 25 फीसदी टैरिफ की घोषणा की, जिससे कुल टैरिफ 50 प्रतिशत हो गया।
यह कदम अमेरिका ने भारत द्वारा रूस से तेल और सैन्य उपकरण खरीदने के जवाब में उठाया। भारत सरकार ने इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। विदेश मंत्रालय ने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई है।
दूसरी ओर, 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों को बरी किए जाने पर कांग्रेस नेता अमित देशमुख ने कहा कि अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है और अदालत के फैसले पर टिप्पणी करना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस केस में जो पीड़ित हैं, उनकी भावनाएं क्या हैं, इसे समझना जरूरी है। जिन्हें लगता है कि उन्हें इंसाफ नहीं मिला है, वे संवैधानिक तरीके से आवाज उठा सकते हैं। पुलिस और जांच एजेंसियों पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। अगर किसी को कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करनी है तो संवैधानिक तरीकों से कर सकता है।