क्या भारत-रूस की दोस्ती इतिहास में एक नया मोड़ ले रही है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और रूस के बीच संबंध कई वर्षों पुरानी हैं।
- रक्षा सहयोग 1950-60 के दशक से चला आ रहा है।
- भारत और रूस की दोस्ती वैश्विक राजनीति में महत्वपूर्ण है।
- दोनों देशों ने हाल ही में व्यापारिक साझेदारी को मजबूत किया है।
- भारत ने कई प्रमुख रक्षा प्रणाली रूस के सहयोग से विकसित की हैं।
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत और रूस के बीच की मित्रता कोई नई बात नहीं है, यह कई वर्षों पुरानी है। हालांकि दोनों देशों के व्यापारिक संबंध उतने मजबूत नहीं रहे हैं, लेकिन भारत के लिए रूस हमेशा एक विश्वसनीय रणनीतिक सहयोगी बना रहा है। सुरक्षा के मामले में रूस ने हमेशा भारत का समर्थन किया है।
भारत और रूस की यह दोस्ती अब एक नए स्तर पर पहुँचने वाली है। 1947 में राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से, भारत ने हमेशा रूस
जब 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध हुआ, तब रूस ने मध्यस्थता की भूमिका निभाई। 1971 के युद्ध के दौरान भी रूस ने भारत का समर्थन किया और इस दौरान दोनों देशों के बीच एक मैत्री और सहयोग संधि भी हुई।
परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में रूस ने भारतमार्च 2010 में राष्ट्रपति पुतिन ने भारत दौरे के दौरान एक महत्वपूर्ण सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए।
स्पेस और विज्ञान के क्षेत्र में भी भारत और रूस के बीच की भागीदारी महत्वपूर्ण रही है। रक्षा के मामले में रूस ने दशकों से भारत का साथ दिया है, और इस सहयोग की शुरुआत 1950-60 के दशक में हुई थी।
भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों से मुकाबला करना पड़ता है, लेकिन रूस हमेशा भारतरूस की मदद से भारत ने कई प्रमुख रक्षा प्रणाली जैसे मिग-21, एस-400 मिसाइल, सुखोई जेट, और टी-90 टैंक का विकास किया है।
हाल ही में, जब अमेरिका ने भारत और रूस के बीच तेल व्यापार पर दबाव बनाने का प्रयास किया, तब भारत ने स्पष्ट किया कि वह अपनी ऊर्जा संबंधों में स्वतंत्र है।
ग्लोबल साउथ में भारत और रूसरूस अपनी उपस्थिति को बढ़ा रहा है, जबकि भारत वैश्विक हितों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है।
सांस्कृतिक संबंधों में, भारतरूस में बहुत पसंद की जाती हैं।