क्या भारत और रूस के बीच ऊर्जा साझेदारी, परिवहन और संपर्क पर सहमति बनी?

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क्या भारत और रूस के बीच ऊर्जा साझेदारी, परिवहन और संपर्क पर सहमति बनी?

सारांश

भारत और रूस के बीच ऊर्जा, परिवहन और संपर्क के मुद्दों पर महत्वपूर्ण सहमति बनी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने उम्मीद जगाई है कि यह सहयोग दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को और मजबूत करेगा। जानिए इस सहयोग की विशेषताएँ और भविष्य के लिए संभावनाएं।

Key Takeaways

  • भारत और रूस के बीच ऊर्जा सहयोग पर जोर दिया गया है।
  • रूस के सुदूर पूर्व में व्यापार और निवेश सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • ग्लोबल लॉजिस्टिक्स में सुधार के लिए प्रयास किए जाएंगे।
  • आर्कटिक मुद्दों पर द्विपक्षीय परामर्श का आयोजन होगा।
  • प्रौद्योगिकी सहयोग में प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

नई दिल्ली, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को आर्थिक संबंधों को मज़बूत करने तथा विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता को पुनः दोहराया। इस अवसर पर, दोनों पक्षों ने विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सहयोग पर चर्चा की और इसकी सराहना की।

दोनों पक्षों ने तेल और तेल उत्पाद, तेल शोधन, पेट्रोकेमिकल प्रौद्योगिकी, तेल क्षेत्र सेवाएं और अपस्ट्रीम प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भारतीय और रूसी कंपनियों के बीच वर्तमान और संभावित सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में निवेश परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर भी बल दिया और निवेशकों को आने वाली समस्याओं के समाधान पर सहमति व्यक्त की।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (आईएनएसटीसी), चेन्नई-व्लादिवोस्तोक (पूर्वी समुद्री) गलियारे और उत्तरी समुद्री मार्ग के समर्थन के लिए संपर्क सुधारने और बुनियादी ढांचे की क्षमता बढ़ाने पर सहमति दिखाई। उन्होंने ध्रुवीय जल में परिचालित जहाजों के लिए विशेषज्ञों के प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया।

दोनों पक्षों ने भारत और रूस के रेलवे के बीच लाभकारी सहयोग का उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में साझेदारी स्थापित करना है।

रूस और भारत के सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्र में व्यापार और निवेश सहयोग बढ़ाने की तत्परता की पुष्टि की गई। 2024-2029 की अवधि के लिए व्यापार, आर्थिक और निवेश क्षेत्रों में सहयोग कार्यक्रम ने कृषि, ऊर्जा, खनन, और फार्मास्यूटिकल जैसे क्षेत्रों में आगामी सहयोग के लिए आवश्यक ढांचे का प्रावधान किया।

अंत में, दोनों पक्षों ने आर्कटिक से संबंधित मुद्दों पर नियमित द्विपक्षीय परामर्श आयोजित करने के महत्व को रेखांकित किया और उत्तरी समुद्री मार्ग पर बहुआयामी द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति का स्वागत किया।

Point of View

जो वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण है। यह सहयोग दोनों देशों के आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, और इससे क्षेत्रीय स्थिरता को भी बल मिलेगा।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

भारत और रूस के बीच किस प्रकार का सहयोग हुआ है?
भारत और रूस के बीच ऊर्जा, परिवहन और संपर्क के क्षेत्रों में सहमति बनी है, जिसमें विशेष रूप से तेल और गैस के क्षेत्र में सहयोग शामिल है।
क्या इस सहयोग से भारत को क्या लाभ होगा?
इस सहयोग से भारत को ऊर्जा सुरक्षा, तकनीकी विकास और आर्थिक संबंधों में मजबूती मिलेगी।
रूस के साथ भारत के संबंध कितने महत्वपूर्ण हैं?
रूस के साथ भारत के संबंध ऐतिहासिक और रणनीतिक हैं, जो दोनों देशों के लिए आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता में योगदान करते हैं।
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