क्या अमित शाह 27 अक्टूबर को 'भारत समुद्री सप्ताह 2025' का उद्घाटन करेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- भारत समुद्री सप्ताह 2025 का उद्घाटन 27 अक्टूबर को होगा।
- सतत विकास और नीली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना इसका मुख्य उद्देश्य है।
- इसमें 20 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
- यह आयोजन भारतीय बंदरगाह संघ और संबंधित मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
- स्मार्ट पोर्ट्स और डिजिटल लॉजिस्टिक्स पर चर्चा होगी।
मुंबई, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 27 अक्टूबर (सोमवार) को सुबह 10:30 बजे मुंबई के नेस्को प्रदर्शनी केंद्र में 'भारत समुद्री सप्ताह 2025' का भव्य उद्घाटन करेंगे।
यह आयोजन 27 से 31 अक्टूबर तक चलेगा और इसे भारतीय बंदरगाह संघ तथा बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस समारोह का उद्देश्य भारत को वैश्विक समुद्री केंद्र के रूप में स्थापित करना, सतत विकास को बढ़ावा देना और नीली अर्थव्यवस्था को समर्थन देना है। अमित शाह अपने उद्घाटन भाषण में भारत के समुद्री दृष्टिकोण को उजागर करेंगे।
इस आयोजन में केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर, और विभिन्न तटीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति होगी। यह कार्यक्रम भारत और विदेश के समुद्री उद्योग के नेताओं, नीति निर्माताओं, निवेशकों और नवप्रवर्तकों को एक मंच पर लाएगा।
इसमें प्रदर्शनी, पैनल चर्चा और संवादात्मक सत्र होंगे जो बंदरगाह, नौवहन, रसद और समुद्री प्रौद्योगिकी के अवसरों को उजागर करेंगे। इसका उद्देश्य भारत की समुद्री क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करना और सहयोग व नवाचार को बढ़ावा देना है।
'भारत समुद्री सप्ताह 2025' का केंद्र बिंदु 'विकसित भारत 2047' के तहत समुद्री क्षेत्र की भूमिका है। नीली अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार ने सागरमाला परियोजना, बंदरगाहों का आधुनिकीकरण और हरी शिपिंग जैसी पहलों पर ध्यान केंद्रित किया है। हाल के आंकड़े बताते हैं कि भारत के 12 प्रमुख बंदरगाहों ने 2024-25 में 870 मिलियन टन कार्गो संभाला, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत अधिक है।
इस आयोजन में स्मार्ट पोर्ट्स, डिजिटल लॉजिस्टिक्स और हरी प्रौद्योगिकी पर चर्चा होगी। सौर और पवन ऊर्जा से संचालित जहाजों और बंदरगाहों की योजना पर भी विचार किया जाएगा।
आयोजन में 20 से अधिक देशों के प्रतिनिधि, 200 से अधिक प्रदर्शक और 5,000 से अधिक आगंतुक शामिल होने की उम्मीद है।