क्या भोपाल का खेड़ापति हनुमान मंदिर मनोकामनाओं की पूर्ति का स्थल है?
सारांश
Key Takeaways
- भोपाल का खेड़ापति हनुमान मंदिर भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है।
- यहां की मनोकामना शिला भक्तों की इच्छाओं को पूरा करने में मदद करती है।
- मंदिर का भव्यता खेड़ापति कोरिडोर के निर्माण से बढ़ेगी।
- यह मंदिर राजनीतिक हस्तियों के लिए भी आस्था का केंद्र है।
- मंदिर की सुंदरता और चित्रकारी भक्तों को आकर्षित करती है।
नई दिल्ली, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बल, बुद्धि और शक्ति के देवता भगवान हनुमान की पूजा का एक अद्भुत उदाहरण हमें उनके भक्तों के माध्यम से देखने को मिलता है। उनके प्रति असीम भक्ति ने उन्हें अन्य देवी-देवताओं से अलग पहचान दिलाई है। देशभर के भक्त हनुमान जी के दर्शन के लिए कई मंदिरों में जाते हैं, लेकिन भोपाल का हनुमान मंदिर अपनी विशेषता के कारण सबसे अलग है। यहां हर भक्त को एक बार अपनी मनोकामना व्यक्त करने के लिए अवश्य आना चाहिए।
मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां भक्त दूर-दूर से बालाजी के दर्शन करने आते हैं, खासकर एक शिला के लिए जो मनोकामनाओं को पूरा करने की शक्ति रखती है। भक्त इस शिला पर अपनी मनोकामना लिखते हैं और उसकी पूर्ति पर विशेष आयोजन करते हैं। उन्हें विश्वास है कि शिला पर लिखी गई हर मनोकामना को स्वयं भगवान हनुमान पूरा करते हैं। मनोकामना पूरी होने पर भक्त नारियल और लाल चोला अर्पित करते हैं।
यह मंदिर न केवल आम जनों के लिए, बल्कि राजनीतिक हस्तियों के लिए भी आस्था का स्थान है। कई बड़े राजनेता और मंत्री अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए इस मंदिर में आते हैं।
खेड़ापति हनुमान बाबा का दरबार तीन मंजिलों में फैला है। ग्राउंड फ्लोर पर भगवान हनुमान और मनोकामना शिला स्थित हैं, जबकि दूसरे फ्लोर पर भगवान श्रीराम और माता सीता की मूर्तियां हैं। तीसरे फ्लोर पर मां भवानी को स्थान दिया गया है। मंदिर की सुंदरता और दीवारों पर देवताओं की चित्रकारी भक्तों को आकर्षित करती है।
साल २०२३ से मंदिर को और भव्य बनाने के लिए खेड़ापति कोरिडोर का निर्माण शुरू किया गया है, जिसमें १०० करोड़ का खर्च आने की उम्मीद है। मंदिर तक पहुंचने वाले रास्तों पर फ्लाइओवर और चौड़ी सड़कें बनाने का कार्य भी जारी है।