क्या भारत सरकार की विदेश नीति विफल हो गई है? : रमाशंकर राजभर

सारांश
Key Takeaways
- भारत सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाए गए हैं।
- अखिलेश यादव के प्रति विश्वास और गद्दारी का मुद्दा।
- राजनीतिक गतिविधियों की गहरी समझ आवश्यक है।
- भाजपा के कार्यकाल के दौरान कानून का राज खत्म होने का आरोप।
- ओम प्रकाश राजभर पर सपा सांसद का तीखा हमला।
बलिया, 23 जून (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी द्वारा तीन विधायकों को निष्कासित करने पर सलेमपुर लोकसभा से सपा सांसद रमाशंकर राजभर का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा करते हैं, लेकिन उनके साथ गद्दारी हुई है।
सपा सांसद रमाशंकर राजभर ने राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि विधायकों पर कार्रवाई बहुत पहले हो जानी चाहिए थी। अखिलेश यादव अपने कार्यकर्ताओं पर बहुत विश्वास करते हैं, लेकिन उनके साथ गद्दारी हुई है। हालाँकि, उनका दिल इतना बड़ा है कि काफी लंबे समय बाद विधायकों पर कार्रवाई की गई। मैं इतना ही कहूंगा कि उन्हें (विधायकों) पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।"
सोनिया गांधी के लेख पर सपा सांसद ने कहा, "भारत सरकार की विदेश नीति फेल हो गई है। जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सफल था, तब सांसदों का डेलिगेशन बना करके दुनिया के 25 देशों में घुमाने की जरुरत क्या थी? जो हमारे मित्र देश थे, वो इससे निराश हुए। मुझे लगता है कि जो हमारे मित्र देश हैं, भारत सरकार को उनके साथ खड़ा होना चाहिए।"
इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर रमाशंकर राजभर ने कहा, "10 साल से तो भाजपा ने ही आपातकाल ला दिया है। कांग्रेस का आपातकाल अब भूली बिसरी बात हो गई। मैं पूछता हूं कि वे इतने पीछे क्यों जा रहे हैं? भाजपा ने 10 साल में कानून का राज खत्म कर दिया और देश की पूंजी को पूंजीपतियों के हवाले कर दिया। भ्रष्टाचार से भाजपा डूब जाएगी। इसलिए भारतीय जनता पार्टी को ये हक नहीं है कि दूसरी सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल पर चर्चा करे, क्योंकि उससे भी बड़ा आपातकाल इस समय है।"
ओम प्रकाश राजभर द्वारा अखिलेश यादव को चुनौती दिए जाने पर रमाशंकर राजभर ने कहा, "ओम प्रकाश राजभर पागल हो गए हैं। अब उन्हें आगरा जाना चाहिए। वे राजभर समाज के लिए कलंक हैं। जो आदमी महाराजा सुहलदेव की प्रतिमा पर राजभर नहीं लिखवा पाया, उसे राजभर समाज समझ चुका है, जिस दिन वे सत्ता से हटेंगे, तो राजभर समाज उन्हें छोड़ देगा।"