क्या भारत-सऊदी अरब की साझेदारी आपसी विश्वास और साझा समृद्धि पर आधारित है?
सारांश
Key Takeaways
- भारत और सऊदी अरब के बीच सहयोग बढ़ रहा है।
- सांस्कृतिक साझेदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- द्विपक्षीय व्यापार में 41.88 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
- टेक्नोलॉजी, ऊर्जा और स्टार्टअप्स में निवेश को बढ़ावा मिल रहा है।
- दोनों देशों के बीच विशाल संभावनाएं हैं।
नई दिल्ली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को सऊदी अरब के निवेश मंत्री खालिद अल-फलीह और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की।
केंद्रीय मंत्री गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "सऊदी अरब के निवेश मंत्री खालिद अल-फलीह और उनके प्रतिनिधिमंडल से मिलकर मुझे अत्यंत खुशी हुई।"
उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच की साझेदारी आपसी विश्वास और साझा समृद्धि पर आधारित है और निरंतर मजबूत होती जा रही है।
गोयल ने एक्स पर आगे लिखा, "हमने भारत-सऊदी अरब के आर्थिक संबंधों को और भी मजबूत बनाने, टेक्नोलॉजी, ऊर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्टार्टअप्स जैसे क्षेत्रों में व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के तरीकों पर चर्चा की।"
भारत और सऊदी अरब के बीच हाल ही में, केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और सऊदी अरब के संस्कृति मंत्री प्रिंस बदर बिन अब्दुल्ला बिन फरहान अल सऊद ने 9 नवंबर 2025 को रियाद में सांस्कृतिक सहयोग पर द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य कला, विरासत, संगीत और साहित्य सहित विभिन्न सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देना है, जिससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाया जा सके।
यह साझेदारी सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने, नियामक और नीतिगत अनुभवों को साझा करने और त्योहारों एवं आयोजनों में भागीदारी को सुगम बनाने पर केंद्रित है।
यह समझौता सांस्कृतिक संस्थानों के बीच संचार को भी प्रोत्साहित करता है और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण से संबंधित ज्ञान और व्यवहार के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।
केंद्र के अनुसार, सऊदी अरब भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और भारत सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2024-25 में 41.88 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है। इसमें रसायन और पेट्रोकेमिकल्स का योगदान 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर है।