क्या भारत से बांग्लादेशी घुसपैठियों को खदेड़ना पड़ेगा? संजय निरुपम का बयान
सारांश
Key Takeaways
- संजय निरुपम ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को खदेड़ने की मांग की।
- बांग्लादेश में जिहादी ताकतों का बढ़ता प्रभाव चिंता का विषय है।
- कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव के बयान पर विवाद।
- बीएमसी चुनाव में हिंदू समुदाय की भूमिका पर जोर।
- संजय राउत की झूठ बोलने की आदत पर आलोचना।
मुंबई, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति को लेकर शिवसेना नेता संजय निरुपम ने अपनी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि वे भारत में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहचानकर उन्हें निष्कासित करना शुरू करें।
मुंबई में राष्ट्र प्रेस के साथ बातचीत में संजय निरुपम ने कहा कि बांग्लादेश पूरी तरह से जिहादी ताकतों के नियंत्रण में चला गया है। जिस प्रकार पाकिस्तान धीरे-धीरे आतंकवादियों के शिकंजे में फंस गया, वैसा ही संकट बांग्लादेश में भी उत्पन्न हो रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि शेख हसीना के शासन के बाद बांग्लादेश कट्टरपंथियों के हाथ में आ गया है, जिससे हिंदुओं की सुरक्षा खतरे में है। अगर बांग्लादेश सरकार इस स्थिति को नियंत्रित नहीं कर सकती, तो भारत को दखल देना चाहिए।
संजय निरुपम ने कहा कि जो बांग्लादेशी घुसपैठिए यहाँ रह रहे हैं, उन्हें खदेड़ना अनिवार्य है।
कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव के मुगल काल पर दिए बयान पर प्रतिक्रिया करते हुए, उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेता को इतिहास की सही समझ नहीं है। मुस्लिम वोटों को साधने के चक्कर में कांग्रेस ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ रही है।
उन्होंने कहा कि मुगलों के शासन में जबरन धर्म परिवर्तन हुए थे और हिंदू मंदिरों को नष्ट किया गया था। इस पर संजय निरुपम ने चेतावनी दी कि वोटों के लिए मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
बीएमसी चुनाव में महापौर को लेकर वारिस पठान के बयान पर संजय निरुपम ने कहा कि अगला महापौर मराठी बोलने वाले लोग और हिंदू समुदाय ही तय करेंगे।
संजय निरुपम ने अब्दुल राशिद खान का उल्लेख करते हुए कहा कि वह एक जिहादी हैं जो संभाजीनगर में छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ अभियान चला रहे थे।
उन्होंने संजय राउत पर निशाना साधते हुए कहा कि वह झूठ बोलने में माहिर हैं और उनकी सेहत भी इस झूठ के चलते खराब हो गई है।