क्या भारत और सिंगापुर एआई, डिजिटल टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे?

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क्या भारत और सिंगापुर एआई, डिजिटल टेक्नोलॉजी और न्यूक्लियर के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे?

सारांश

भारत और सिंगापुर के बीच एआई और डिजिटल टेक्नोलॉजी में सहयोग पर जोर देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह साझेदारी दोनों देशों के लिए कई नए अवसर पैदा करेगी। जानें इस विशेष यात्रा के बारे में और कैसे यह संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है।

Key Takeaways

  • भारत और सिंगापुर के बीच एआई और डिजिटल तकनीक में सहयोग बढ़ेगा।
  • द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग समझौते की समीक्षा की जाएगी।
  • 60वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने के लिए विशेष यात्रा।
  • भविष्य की साझेदारी में कई नए क्षेत्र शामिल होंगे।
  • दक्षिण पूर्व एशिया में सिंगापुर सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है।

नई दिल्ली, 4 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि टेक्नोलॉजी और नवाचार भारत और सिंगापुर के बीच साझेदारी के मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों ने एआई, क्वांटम और अन्य डिजिटल तकनीकों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आमंत्रण पर सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर आए हैं। दिल्ली में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक प्रेस वार्ता में कहा, यूपीआई और पे नाउ को डिजिटल कनेक्टिविटी का 'सफल उदाहरण' बताया। उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर ने आसियान के साथ द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते और मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध समीक्षा करने का निर्णय लिया है।

पीएम ने कहा, "प्रौद्योगिकी और नवाचार हमारी साझेदारी के मजबूत स्तंभ हैं। हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम और अन्य डिजिटल तकनीकों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है। आज अंतरिक्ष क्षेत्र में हुआ समझौता अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग का एक नया अध्याय जोड़ रहा है। हमने अपने युवाओं को उनकी प्रतिभा से जोड़ने के लिए इस वर्ष के अंत में भारत-सिंगापुर हैकाथॉन का अगला राउंड आयोजित करने का निर्णय लिया है। यूपीआई और पे नाउ हमारी डिजिटल कनेक्टिविटी के सफल उदाहरण हैं और यह खुशी की बात है कि आज 13 नए भारतीय बैंक उनसे जुड़ गए हैं।"

प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के नेता का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा, "मैं पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री वोंग की पहली भारत यात्रा पर उनका हार्दिक स्वागत करता हूं। यह यात्रा इसलिए और भी खास है, क्योंकि इस वर्ष हम अपने संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।"

प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 में अपनी सिंगापुर यात्रा को याद किया, जिसके तहत दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया था, और उन क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया जो दोनों देशों के बीच सहयोग का केंद्र बिंदु भी बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "पिछले साल सिंगापुर की मेरी यात्रा के दौरान हमने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाया। इस एक साल में हमारे संवाद और सहयोग में गति आई है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि आज सिंगापुर दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में हमारा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत में सिंगापुर से बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है। हमारे रक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। लोगों के बीच संबंध गहरे और जीवंत हैं। आज, हमने अपनी साझेदारी के भविष्य के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। हमारा सहयोग केवल पारंपरिक क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं रहेगा। बदलते समय के साथ उन्नत विनिर्माण, ग्रीन शिपिंग, कौशल विकास, परमाणु और शहरी जल प्रबंधन जैसे क्षेत्र भी हमारे सहयोग का केंद्र बिंदु बनेंगे।"

उन्होंने सिंगापुर को भारत की एक्ट ईस्ट नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए कहा कि दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के अपने संयुक्त दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए आसियान के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच संबंध कूटनीति से आगे हैं। यह साझा मूल्यों पर आधारित एक उद्देश्यपूर्ण साझेदारी है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, "हमने निर्णय लिया है कि द्विपक्षीय व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते और आसियान के साथ हमारे मुक्त व्यापार समझौते की समयबद्ध समीक्षा की जाएगी, ताकि पारस्परिक व्यापार में तेजी आए।"

(नोटः- संपादक कृपया लीड-1 को ही मानें...क्योंकि इसकी पहली खबर में भूलवश इसके शीर्षक में गलती चली गई है....)

-राष्ट्र प्रेस

वीसी/जीकेटी

Point of View

बल्कि यह तकनीकी सहयोग के नए द्वार भी खोलती है। भारत की वैश्विक भूमिका को मजबूत करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
NationPress
04/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत और सिंगापुर के बीच किस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया गया है?
भारत और सिंगापुर ने एआई, क्वांटम और अन्य डिजिटल तकनीकों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के पीएम का स्वागत कैसे किया?
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के पीएम का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि यह यात्रा विशेष है क्योंकि वे अपने संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
भारत-सिंगापुर के बीच भविष्य की साझेदारी में कौन से क्षेत्र शामिल होंगे?
भविष्य की साझेदारी में उन्नत विनिर्माण, ग्रीन शिपिंग, कौशल विकास, परमाणु और शहरी जल प्रबंधन जैसे क्षेत्र शामिल होंगे।