क्या एस. जयशंकर ने भारत-यूएई संयुक्त आयोग में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की?
सारांश
Key Takeaways
- भारत-यूएई के बीच सहयोग को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
- व्यापार और निवेश में महत्वपूर्ण वृद्धि हो रही है।
- ऊर्जा और सुरक्षा सहयोग का विस्तार होना चाहिए।
- संस्कृति और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- भविष्य में नई आर्थिक संभावनाओं का निर्माण करना जरूरी है।
अबू धाबी, 16 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान के साथ 16वीं संयुक्त आयोग बैठक और पांचवीं रणनीतिक वार्ता की सह-अध्यक्षता की।
इस बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने भारत और यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के सभी पहलुओं की गहराई से समीक्षा की और भविष्य की प्रमुख प्राथमिकताओं पर विचार-विमर्श किया।
मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि वर्तमान समय में भारत और यूएई के बीच गहरा सहयोग साझा हितों को आगे बढ़ाता है और क्षेत्रीय एवं वैश्विक स्थिरता में योगदान देता है।
बैठक में विदेश मंत्री ने बताया कि व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते और द्विपक्षीय निवेश संधि के बाद, भारत-यूएई के बीच व्यापार, निवेश, वित्तीय तकनीक और डिजिटल कनेक्टिविटी में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। उन्होंने कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक्स में भी बड़ी संभावनाओं की ओर इशारा किया, जिसमें भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा जैसी पहलों का उल्लेख किया।
उन्होंने ऊर्जा सहयोग के विस्तार पर भी जोर दिया, विशेष रूप से नागरिक परमाणु ऊर्जा सहयोग, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को मजबूत करने और रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को और सुदृढ़ करने की बातें की।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करने, महत्वपूर्ण खनिज, अंतरिक्ष और ध्रुवीय अनुसंधान जैसे नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आपसी समन्वय को महत्वपूर्ण बताया।
सोमवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने अबू धाबी में यूएई के उपराष्ट्रपति शेख मंसूर बिन जायद बिन सुल्तान अल नाहयान से भी मुलाकात की। इस दौरान, दोनों देशों के बीच आर्थिक और रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई।
जयशंकर ने 'एक्स' पर लिखा कि उपराष्ट्रपति से मुलाकात सम्मान की बात है और भारत-यूएई के बीच आर्थिक और रक्षा सहयोग को गहरा करने पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई।
इसके अलावा, विदेश मंत्री ने यूएई की मुबाडाला निवेश कंपनी के प्रबंध निदेशक और समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी खलदून खलीफा अल मुबारक से भी मुलाकात की। इस बैठक में वैश्विक भू-आर्थिक परिदृश्य और भारत-यूएई संबंधों को और मजबूत करने के अवसरों पर विचार किया गया।
जयशंकर ने बताया कि इस चर्चा में आर्थिक सहयोग की नई संभावनाओं पर भी बात हुई और दोनों देशों के रिश्तों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति बनी।