क्या भारतीय नौसेना युद्ध के लिए तैयार और सक्षम है?

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क्या भारतीय नौसेना युद्ध के लिए तैयार और सक्षम है?

सारांश

भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने युद्ध के लिए तत्परता और सागरीय शक्ति संतुलन पर अपने विचार साझा किए। जानिए उनकी अहम बातें और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की भूमिका के बारे में।

Key Takeaways

  • भारतीय नौसेना युद्ध के लिए तत्परता के लिए संकल्पित है।
  • इंडो-पैसिफिक क्षेत्र वैश्विक समुद्री शक्ति का केंद्र है।
  • नौसेना का रूपांतरण पाँच स्तंभों पर आधारित है।
  • स्वदेशी प्रौद्योगिकी और साझेदारी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • भारत का सागरीय पुनरुत्थान वैश्विक स्थिरता में मदद करेगा।

नई दिल्ली, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा है कि भारतीय नौसेना युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए सक्षम बनने के अपने संकल्प को लगातार मजबूत कर रही है। उन्होंने उल्लेख किया कि 21वीं सदी वास्तव में एक सागरीय सदी है। आज इंडो-पैसिफिक क्षेत्र वैश्विक समुद्री शक्ति संतुलन का केंद्र बन चुका है, जो विश्व की शक्ति, समृद्धि और स्थिरता को आकार दे रहा है।

उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में भारत की इंडो-पैसिफिक महासागर पहल का विशेष महत्व है। नौसेना प्रमुख ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) का दौरा किया और इस दौरान 65वें एनडीसी पाठ्यक्रम के अंतर्गत नेविगेटिंग दा मेरिटाइम सेंचुरी विषय पर अपने विचार साझा किए।

एडमिरल त्रिपाठी ने इंडो-पैसिफिक की वास्तविकताओं और भारतीय नौसेना के रूपांतरण पर भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने यह स्वीकार किया कि 21वीं सदी का असली रूप एक सागरीय सदी है। उन्होंने बताया कि आज का इंडो-पैसिफिक क्षेत्र वैश्विक समुद्री शक्ति संतुलन का केंद्र बन चुका है, जो कि विश्व की शक्ति, समृद्धि और स्थिरता को आकार दे रहा है।

नौसेना प्रमुख ने कहा कि इस तेजी से बदलते समुद्री परिदृश्य में, भारतीय नौसेना, जो कि भारत की समुद्री शक्ति का प्रमुख प्रतीक है, एक सतत और सुविचारित रूपांतरण की प्रक्रिया से गुजर रही है। उनके अनुसार यह रूपांतरण पांच स्तंभों पर आधारित है: युद्धक चपलता, क्षमता विकास, प्रौद्योगिकीय आत्मनिर्भरता, साझेदारी, और पीपल फर्स्ट दृष्टिकोण

एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि इन सिद्धांतों के माध्यम से भारतीय नौसेना युद्ध के लिए तत्पर, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए सक्षम बनने के अपने संकल्प को लगातार मजबूत कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि भारत का सागरीय पुनरुत्थान, जो कि आत्मनिर्भरता और वैश्विक सहयोग पर आधारित है, विश्व के अस्थिर परिवेश में एक स्थिर प्रकाशस्तंभ के रूप में भारत की भूमिका को दर्शाता है।

Point of View

बल्कि यह एक स्थिरता और सहयोग के प्रतीक के रूप में भी उभर रही है।
NationPress
10/11/2025

Frequently Asked Questions

भारतीय नौसेना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
भारतीय नौसेना का मुख्य उद्देश्य देश की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना है।
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का महत्व क्या है?
इंडो-पैसिफिक क्षेत्र वैश्विक समुद्री शक्ति संतुलन का केंद्र है, जो शक्ति, समृद्धि और स्थिरता को आकार देता है।