क्या भारतीय करेंसी की रिकॉर्ड गिरावट पर आदित्य ठाकरे ने सरकार को घेरा?
सारांश
Key Takeaways
- भारतीय रुपए की गिरावट 90 के आंकड़े को पार कर गई है।
- आदित्य ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधा है।
- गिरावट का कारण कमजोर ट्रेड और अनिश्चितता है।
- निफ्टी इंडेक्स भी प्रभावित हुआ है।
- आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि सुधार की उम्मीद है।
मुंबई, 3 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रुपए में बुधवार को तेज गिरावट देखी गई और यह पहली बार 90 के आंकड़े को पार कर गया। डॉलर के मुकाबले भारतीय करेंसी 90.13 के नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है। इस पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने निशाना साधा।
आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि रुपया आज डॉलर के मुकाबले 90 के पार चला गया है। कुछ अन्य करेंसी का भी बुरा हाल है। वित्त मंत्री की तरफ से कोई बयान नहीं आया है। 2014 में भाजपा ने अच्छे दिन का वादा किया था। मुझे लगता है कि यह दूसरों के लिए था, भारतीयों के लिए नहीं। भारत के लिए, यह स्पाई ऐप्स—स्पाई साथी हैं।
रुपए में यह गिरावट कमजोर ट्रेड और पोर्टफोलियो फ्लो के साथ-साथ भारत-यूएस ट्रेड डील को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के बीच आई। रुपए की तेज गिरावट का असर घरेलू मार्केट पर भी पड़ा। निफ्टी इंडेक्स 26,000 के लेवल से नीचे चला गया।
चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर वी. अनंथा नागेश्वरन ने बुधवार को रुपए में गिरावट के कारण इकोनॉमी पर किसी बड़े बुरे असर की आशंकाओं को दूर किया।
सीआईआई के एक कार्यक्रम में उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि गिरता रुपया महंगाई या एक्सपोर्ट पर असर नहीं डाल रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपया 90 के आंकड़े से नीचे गिरने के बाद एक सवाल के जवाब में नागेश्वरन ने मजाक में कहा कि भारतीय करेंसी के कमजोर होने से सरकार की नींद नहीं उड़ी है।
हालांकि, उन्होंने यह उम्मीद जताई है कि अगले साल रुपए में सुधार होना चाहिए।
भारत के एक्सपोर्ट पर यूएस टैरिफ बढ़ोतरी से पैदा हुई वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के चलते 2025 में यूएस डॉलर के मुकाबले रुप में लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आई है।