क्या करुर में भीड़ की भगदड़ से 38 लोगों की मौत ने 'पुष्पा 2' और आरसीबी जश्न की याद दिलाई?

सारांश
Key Takeaways
- भीड़ प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता है।
- सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना जरूरी है।
- घटनाओं से सबक लेना आवश्यक है।
नई दिल्ली, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। तमिलनाडु के करुर जिले में शनिवार को अभिनेता-राजनेता विजय की रैली के दौरान हुई भगदड़ में कम से कम 38 लोगों की जान चली गई, जिनमें 10 बच्चे और 16 महिलाएं शामिल हैं। कई लोग घायल भी हुए हैं और कुछ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
यह दुखद घटना उस समय हुई जब हजारों समर्थक विजय का भाषण सुनने के लिए एकत्र हुए थे। जैसे-जैसे भीड़ बढ़ी, स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई और कई लोग अपनी जान गंवा बैठे।
इस घटना के बाद एक बड़ा सवाल उठता है कि पिछले समय में हुई ऐसी भगदड़ों से सबक क्यों नहीं लिया गया? पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, जिसमें कई लोगों की जान गई थी।
दिसंबर 2024 में 'पुष्पा 2' की स्क्रीनिंग और जून 2025 में आरसीबी की आईपीएल जीत के जश्न के दौरान भी इसी प्रकार की घटनाएं सामने आई थीं, लेकिन भीड़ नियंत्रण के लिए सुरक्षा व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ।
दिसंबर 2024 में हैदराबाद के संध्या थिएटर में 'पुष्पा 2: द रूल' की प्रीमियर स्क्रीनिंग के दौरान भगदड़ मच गई थी। अल्लू अर्जुन के अचानक पहुंचने से उमड़ी भीड़ में 39 वर्षीय महिला रेवती की जान चली गई, जबकि उनके 9 वर्षीय बेटे को गंभीर चोटें आईं।
पुलिस ने अल्लू अर्जुन, उनकी सुरक्षा टीम और थिएटर प्रबंधन के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (हत्या का संज्ञेय अपराध) और 118(1) (चोट पहुंचाने की सजा) के तहत मामला दर्ज किया।
इसके बाद 13 दिसंबर को अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार किया गया, लेकिन तेलंगाना हाई कोर्ट ने उसी शाम 4 सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी।
वहीं, जून 2025 में आरसीबी की पहली आईपीएल जीत के जश्न के दौरान एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 56 घायल हुए थे।
4 जून को विजय परेड आयोजित की गई थी। विधान सौधा से स्टेडियम तक ओपन-टॉप बस परेड के लिए अनुमानित 10,000 लोगों के स्थान पर लाखों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे अफरा-तफरी मच गई और कई जिंदगियां छीन ली।
इस मामले में कर्नाटक सरकार ने आरसीबी, इवेंट कंपनी डीएनए नेटवर्क्स और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ कई धाराओं में केस दर्ज किया। इसके अलावा, बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी. दयानंदा को निलंबित कर दिया गया था। आरसीबी ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए की सहायता दी।
ये सभी हादसे भीड़ प्रबंधन, सूचना की कमी और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की ओर इशारा करते हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस घटना को 'गंभीर और चिंताजनक' बताया। उन्होंने तुरंत चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश दिए और मंत्रियों व अधिकारियों से मौजूदा हालात की जानकारी ली है।