क्या मौलवियों के बयानों पर गिरिराज सिंह का यह बयान सही है?

सारांश
Key Takeaways
- गिरिराज सिंह ने मौलवियों के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- भारत की पहचान सनातन से है।
- सामाजिक समरसता को बनाए रखना जरूरी है।
- कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरोप लगाए गए।
- समाज में एकता का महत्व है।
पटना, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने मौलवियों के हाल के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। मौलवियों द्वारा की गई 'मरना भी जानते हैं और मारना भी जानते हैं' टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि इस तरह का बयान समाज को डराने और सामाजिक समरसता को नष्ट करने की साजिश है।
गिरिराज सिंह ने पटना में रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैं शुरू से कह रहा हूं कि कुछ मौलवी भारत में गजवा-ए-हिंद की सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं। जहां-जहां इनकी जनसंख्या बढ़ी है, वहां सामाजिक संतुलन को बिगाड़ने का प्रयास किया गया है। तौकीर राजा और ओवैसी जैसे लोग लगातार समाज को बांटने का कार्य कर रहे हैं।
गिरिराज सिंह ने इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे पूर्वजों से भी कुछ गलतियां हुई हैं। यदि 1947 में आजादी के समय सभी मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दिया गया होता और वहां से सभी हिंदुओं को भारत लाया गया होता, तो आज हमें ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। हर व्यक्ति मारना और मरना दोनों जानता है, यह धमकी किसे दी जा रही है और समाज को डराने का प्रयास क्यों किया जा रहा है?
उन्होंने आगे कहा कि भारत की पहचान सनातन से है। मैं कहना चाहूंगा कि यहाँ के मुसलमान और हिंदुओं का डीएनए एक ही है, हम सभी एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। ऐसे में धमकियाँ देना बंद किया जाए तो यह सबके लिए बेहतर होगा।
वहीं, लेह में हुई हिंसा को लेकर गिरिराज सिंह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी विदेशी ताकतों के साथ मिलकर भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं।
गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल गांधी का पर्दाफाश हो रहा है। जॉर्ज सोरस जैसे लोग, जो भारत को टुकड़े-टुकड़े करना चाहते हैं, उनके इशारे पर कांग्रेस काम कर रही है। राहुल गांधी उसी टूलकिट पर कार्य कर रहे हैं। लेह में भी वे वही स्थिति उत्पन्न करना चाहते थे, लेकिन यह भारत है, इसे कोई नहीं तोड़ सकता।