क्या भोपाल में कांग्रेस विधायकों का प्रदर्शन गिरगिट की तरह है?

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस विधायकों ने गिरगिट खिलौनों के साथ प्रदर्शन किया।
- भाजपा ने कांग्रेस के प्रदर्शन को तंज करते हुए गिरगिट करार दिया।
- यह प्रदर्शन ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर आधारित था।
- मंत्री विश्वास सारंग ने सदन की गरिमा की बात की।
- राजनीतिक विवाद को जन्म देने वाले यह प्रदर्शन महत्वपूर्ण है।
भोपाल, 28 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश विधानसभा परिसर में कांग्रेस विधायकों द्वारा गिरगिट खिलौनों के साथ प्रदर्शन करने पर भाजपा विधायकों ने कटाक्ष किया है और कहा है कि कांग्रेस स्वयं ही एक गिरगिट है। सोमवार से मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र आरंभ हो गया, और इस सत्र की शुरुआत से पहले कांग्रेस विधायकों ने हाथ में गिरगिट खिलौना लेकर प्रदर्शन किया, जिसमें भाजपा पर ओबीसी
भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि जो जैसा होता है, वह वैसे ही प्रदर्शन करता है। कांग्रेस नेताओं और कांग्रेस की गिरगिट से निकटता है, इसलिए उन्होंने गिरगिट खिलौना लेकर प्रदर्शन किया। विधानसभा का संचालन डॉ बाबा साहब अंबेडकर के संविधान के तहत होता है, इसलिए कांग्रेस को इस संविधान के मंदिर में ऐसा प्रदर्शन नहीं करना चाहिए। हम कांग्रेस से अनुरोध करते हैं कि वे अपने कार्यों पर विचार करें, उन्हें गिरगिट नहीं बनना चाहिए।
राज्य सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि सदन की गरिमा और परंपराओं का पालन होना चाहिए, लेकिन कांग्रेस के लोग बचकाना प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के प्रदर्शनों के समान है, जबकि वरिष्ठ विधायकों को इस प्रकार के प्रदर्शन से बचना चाहिए।
भाजपा के अन्य विधायक प्रीतम लोधी ने विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस विधायकों के प्रदर्शन को गिरगिट करार दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास भ्रष्टाचार का पैसा नहीं है, जबकि कांग्रेस के विधायक बड़ी गाड़ियों में चलते हैं।
वास्तव में, विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने और जातिगत जनगणना में पारदर्शिता को लेकर विधानसभा परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। विधायकों ने हाथों में सांकेतिक गिरगिट रखा था। उनका आरोप है कि भाजपा सरकार गिरगिट से ज्यादा रंग बदलने वाली है। यह सरकार ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं देना चाहती और जातीय जनगणना से बच रही है।