क्या भोपाल में फर्जी पुलिस अफसर बनकर डिजिटल अरेस्ट करने वाला गिरफ्तार हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- फर्जी पुलिस अफसर बनकर ठगी करना एक गंभीर अपराध है।
- साइबर सुरक्षा का महत्व बढ़ गया है।
- पुलिस ने सजगता से कार्रवाई की और आरोपी को पकड़ा।
- आम नागरिकों को सतर्क रहना चाहिए।
- ठगी के मामलों की सच्चाई का पता लगाने के लिए पुलिस जांच कर रही है।
भोपाल, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश में फर्जी पुलिस अफसर बनकर डिजिटल अरेस्ट करने वाले आरोपी को पुलिस की साइबर शाखा ने गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। यह व्यक्ति लोगों से लाखों रुपए की ठगी किया करता था। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि उसने कितने लोगों को ठगा है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, राजधानी में एक महिला को डिजिटल अरेस्ट किया गया और उससे पांच लाख रुपए उसके बैंक खाते में डलवाए गए। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी तक पहुंचने में सफलता हासिल की। भोपाल की पुलिस अपराध शाखा के एडिशनल डीसीपी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि हाल ही में एक महिला को फोन आया, जिसमें आरोपी ने खुद को टेलीफोन अधिकारी बताया और कहा कि उसके फोन को अवैधानिक गतिविधियों के कारण बंद किया जाएगा।
इसके बाद एक व्यक्ति ने पुलिस अधिकारी बनकर फोन किया और महिला को बताया कि उसके मोबाइल से ड्रग्स आपूर्ति की गतिविधियां चल रही हैं। उसे गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस ने बताया कि महिला को धमकाया गया और उसने आरोपी के बताए गए बैंक खाते में पांच लाख जमा कर दिए। जब पुलिस ने मामले की जांच की तो आरोपी राजस्थान का निकला और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस ने एक अन्य आरोपी को भी पकड़ा, जो खुद को अमेजन का कर्मचारी बताता था। उसने लोगों को साक्षात्कार के लिए बुलाया और अमेजन के लेटर पैड का उपयोग करके उन्हें अपनी जाल में फंसाया। वह विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे पैसे वसूल करता था। एक फरियादी से उसने नौकरी दिलाने के नाम पर आठ लाख रुपए लिए हैं।
आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह एक कॉल सेंटर में काम करता था और उसने 80 लोगों का साक्षात्कार लिया था। एक शिकायत के आधार पर कार्रवाई की गई है और अन्य शिकायतें आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।