क्या भोपाल में 90 डिग्री मोड़ वाले पुल मामले में दो सीई सहित 7 इंजीनियरों को निलंबित किया गया?

सारांश
Key Takeaways
- मुख्यमंत्री ने 8 इंजीनियर्स को निलंबित किया।
- पुल का निर्माण कई वर्षों में पूरा हुआ।
- 90 डिग्री मोड़ से हादसों का खतरा।
- सुधार के बाद ही लोकार्पण।
- विपक्ष ने सरकार पर हमले किए।
भोपाल, 28 जून (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 90 डिग्री मोड़ वाले पुल निर्माण मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। इस मामले में कुल आठ इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई है।
सीएम मोहन यादव ने दो मुख्य इंजीनियर (सीई) सहित सात इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। वहीं, एक सेवानिवृत्त एसई के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में जानकारी दी, "ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही का मैंने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। जांच रिपोर्ट के आधार पर लो.नि.वि. के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
बता दें कि राजधानी के ऐशबाग इलाके में एक पुल बनाया गया है जो कई वर्षों में तैयार हुआ है और इस पर लगभग 18 करोड़ रुपये का खर्च आया है। इस पुल का एक मोड़ 90 डिग्री के कोण पर है, जिसके चलते बड़ी संख्या में हादसों का खतरा बढ़ गया है। इससे पहले ही यह पुल विवादों में आ चुका था। इस मामले पर विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर हमले बोले थे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच समिति बनाई थी। उसकी रिपोर्ट के आधार पर शनिवार रात यह कार्रवाई की गई है। पुल के निर्माण में हुई तकनीकी गड़बड़ी को लेकर सरकार और निर्माण एजेंसी से लेकर लोक निर्माण विभाग तक सवालों के घेरे में है।