क्या पीएमएमएसवाई ने भागलपुर के मत्स्य पालकों की तकदीर बदल दी?

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क्या पीएमएमएसवाई ने भागलपुर के मत्स्य पालकों की तकदीर बदल दी?

सारांश

बिहार के भागलपुर में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना ने मत्स्य पालकों की जिंदगी को बदल दिया है। मिनी फिश फीड मिलों के जरिए उन्होंने आत्मनिर्भरता हासिल की है और मछली चारे का उत्पादन कर रहे हैं। यह योजना उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और रोजगार सृजन में मदद कर रही है।

Key Takeaways

  • पीएमएमएसवाई ने भागलपुर में मत्स्य पालन को नई दिशा दी है।
  • लाभार्थियों ने आत्मनिर्भरता हासिल की है।
  • मिनी फिश फीड मिलों ने रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं।
  • सरकार का सहयोग और अनुदान महत्वपूर्ण है।
  • यह योजना आर्थिक सशक्तिकरण में मदद कर रही है।

भागलपुर, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) ने बिहार के भागलपुर जिले के मत्स्य पालकों और मछुआरों के जीवन में एक नया मोड़ लाया है। इस योजना के तहत स्थापित मिनी फिश फीड मिलों ने कई लाभार्थियों को फर्श से अर्श तक पहुंचने में मदद की है। अब ये न केवल आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि स्थानीय स्तर पर किफायती और गुणवत्तापूर्ण मछली चारा उपलब्ध कराकर मत्स्य पालन क्षेत्र का विकास भी कर रहे हैं।

भागलपुर के बियाडा औद्योगिक प्रक्षेत्र में 8 टन क्षमता वाली फिश फीड मिल चलाने वाले अभिनव कुमार आनंद इसका उत्कृष्ट उदाहरण हैं।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान कहा कि पीएमएमएसवाई से मिली वित्तीय सहायता ने उनके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उनकी फिश फीड मिल में फ्लोटिंग चारा तैयार होता है, जिसमें वेज फीड का भी उपयोग होता है।

अभिनव ने बताया कि इस योजना का लाभ लेने से पहले उनका मासिक टर्नओवर 20 लाख रुपए था, जो अब बढ़कर 76 लाख रुपए हो गया है। उनका वार्षिक टर्नओवर 7 से 8 करोड़ रुपए के बीच पहुंच गया है।

उन्होंने बताया कि इस सफर में डिस्ट्रिक्ट फिशरीज ऑफिसर कृष्ण कन्हैया और यूको बैंक का भरपूर सहयोग मिला। प्रारंभ में 40 लाख रुपए का अनुदान और हाल ही में 49 लाख रुपए का लोन सैंक्शन हुआ, जिसमें सरकार ने 40 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया।

उन्होंने कहा कि हमारी फिश फीड मिल में 6 लोगों की मार्केटिंग टीम और 37 कामगार कार्यरत हैं, जिनमें 7 महिलाएं भी शामिल हैं। हमारी मिल बिहार और झारखंड के कई जिलों में मछली चारा आपूर्ति कर रही है।

अभिनव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बदलाव का श्रेय देते हुए कहा, "स्वामी विवेकानंद के बाद देश के सपनों को साकार करने में पीएम का विजन सर्वोपरि है।"

दूसरी ओर, सन्हौला प्रखंड के अदालपुर गांव के शमशेर सिंह भी पीएमएमएसवाई के लाभार्थी हैं। उनकी 2 टन क्षमता वाली फिश फीड मिल में सूखी मछली का पाउडर और तीसी की खल्ली से मछली चारा तैयार होता है।

शमशेर ने कहा कि पहले उनकी वार्षिक आय 5 लाख रुपए थी, जो अब बढ़कर 20 लाख रुपए हो गई है। मिल में उत्पादन की मांग काफी है। पीएमएमएसवाई ने मेरे जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। पीएमएमएसवाई न केवल मत्स्य पालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही है, बल्कि रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। इस योजना के लिए हम पीएम मोदी का आभार जताते हैं।

Point of View

बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम बन रही है। यह योजना मत्स्य पालन क्षेत्र को नई दिशा दे रही है और रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

पीएमएमएसवाई क्या है?
पीएमएमएसवाई, यानी प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास और मत्स्य पालकों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है।
इस योजना से लाभ कैसे मिलता है?
लाभार्थियों को वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन और मिनी फिश फीड मिलों की स्थापना के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है।
क्या यह योजना सभी मत्स्य पालकों के लिए है?
हां, यह योजना सभी मत्स्य पालकों के लिए उपलब्ध है, लेकिन लाभ लेने के लिए कुछ मानदंडों का पालन करना आवश्यक है।